ऐसा माना जा रहा है कि उरी पर हमला करने वाले आतंकी तकनीक के मामले में
उन आतंकियों से ज्यादा समझ रखते थे जिन्होंने पठानकोट पर हमला किया था।
खुफिया सूत्रों की मानें तो उरी पर हमला करने वाले आतंकियों का रूट मैप
ट्रैक करना आसान नहीं होगा। इस बार आतंकवादियों ने डिजिटल कोड का इस्तेमाल
किया था जिसे ट्रेस नहीं किया जा सकता। जांच में दूसरी सबसे बड़ी परेशानी
यह सामने आ रही है कि अब तक जो भी जीपीएस रिकवर किए गए हैं, उन्हें देख कर
पता लगता है कि आखिरी लोकेशन को डिलीट किया गया है।
जापान में बने आईकॉम फोन का इस्तेमाल
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope