जांच ने इस संभावना की ओर भी इंगित किया है कि हमले में शामिल चार आतंकी
पीओके से हाजी पीर दर्रे से होते हुए 16-17 सितंबर की रात को क्षेत्र में
आए और सुखदर गांव में, जहां से ब्रिगेड हेडक्वार्टर और उसके अंदर सैनिकों
के मूवमेंट को साफ देखा जा सकता है, रुके थे। सूत्रों ने बताया कि ब्रिगेड
हेडक्वार्टर की बाड़ के आसपास जंगली घास और झाडिय़ों का भी आतंकियों के
फायदा उठाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। घास और झाडिय़ों की वजह
से बाड़ के पास आतंकियों की हलचल को पकड़ा नहीं जा सका। यहीं से बाड़ को
काट कर आतंकियों को अंदर आने का रास्ता मिला, स्टैंडर्ड सिक्योरिटी
प्रोसीजर्स के मुताबिक, किसी भी अहम सुरक्षा ठिकाने के आसपास लंबी घास और
झाडिय़ों को काटे जाना जरूरी है, लेकिन उरी में इससे जुड़ी खामी सामने आई।
दो गार्ड पोस्ट के बीच तालमेल की कमी
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