नई दिल्ली। अमेरिकी एच-1बी वीजा में कटौती भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वरदान साबित हो सकती है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वीजा कटौती से प्रतिभाशाली आईटी पेशेवर भारत लौटेंगे। इससे भारतीय आईटी क्षेत्र तेजी से तरक्की करेगा। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एच-1बी वीजा में कटौती करके भारतीय पेशेवरों को रोकने की तैयारी कर रहे हैं ताकि ये नौकरियां अमेरिकियों को मिल सकें, पर अमेरिकी अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक, भारत में ढेरों अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इन पेशेवरों का इंतजार कर रही हैं। वहीं इन पेशेवरों से सस्ता श्रम करा रही अमेरिकी कंपनियों को झटका लगेगा। [@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]
दूसरी तरफ, हैदराबाद और बेंगलुरु की आईटी कंपनियों का मानना है कि वे अमेरिकी सिलिकॉन वैली को टक्कर देने के लिए तैयार हैं। लिहाजा एच-1 बी वीजा में कटौती या इस पर पाबंदी की स्थिति में भारतीय अमेरिकी आईटी पेशवरों के लिए स्वदेश में ही ढेरों नौकरियां होंगी।
अमेरिकी मीडिया से बातचीत में, 25 साल की मधु वदलामणि और उनके पति 29 साल के रेवांथ ने बताया कि छात्र वीजा पर पढ़ाई करने के बाद वे अमेरिका के ओरलैंडो में नौकरी कर रहे थे। अब आगे एच-1 बी वीजा मिला तो ठीक वरना भारत में भी कई कंपनियां अच्छी नौकरियां दे रही हैं। हैदराबाद के आईटी पेशेवरों का भी मानना है कि अमेरिका से लौटे प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं के दम पर वे सिलिकॉन वैली को टक्कर देने को तैयार हैं। उबर इंडिया के प्रमुख अमित जैन कहते हैं, भारत में ढेरों अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी और बढ़ते स्टार्टअप के चलते आईटी पेशेवरों को यहां वह सब कुछ मिलेगा, जिसके लिए वे अमेरिका जाते थे।
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