कैथल। जिला के गांव नैना में प्रवेश करते ही हर तरफ साफ-सफाई नजर आती है। शहर की सडक़ों पर भले ही सफेद पट्टी न लगी हो, लेकिन यहां मुख्य गलियों में पट्टियां लगी हैं। पेड़ों पर चूना लगाया गया है ताकि कोहरे या रात के समय वाहनों को यहां से गुजरने में परेशानी न हो। यह गांव मिसाल है शहर के प्रशासन के लिए भी। नैना की गलियों में न तो पशु बांधे जाते हैं ताकि गोबर या गंदगी न फैले। यह जिले का पहला पॉलीथीन मुक्त गांव है। [@ बेटी के जन्म पर किया कुंआ पूजन] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
हर हफ्ते पूरा गांव सफाई के लिए घरों से बाहर निकलता है। इस सफाई अभियान में गांव के सभी युवा, महिलाएं व बुजुर्ग लोग भी इसमें बड़े उत्साह से भाग लेते है । जिला अतिरिक्त उपायुक्त शक्ति सिंह ने गांव नैना पहुंचकर युवाओं को इस सफाई अभियान में गांव के सभी युवा, महिलाएं व बुजुर्ग लो गांव में कार्य के लिए बधाई दी और इस कार्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया । उन्होंने कहा कि ऐसी साफ गलियां शहर के सेक्टरों की भी नहीं है। जो गांव साफ होगा, वहां के लोग स्वस्थ रहेंगे, बीमारियां दूर होगी।
युवाओं ने जो गांव की साफ-सफाई को लेकर पहल की है वह सराहनीय है, हर ग्रामीण को इस कार्य में भाग लेना चाहिए। इस गांव के युवाओं द्वारा की साफ-सफाई को लेकर चलाए जा रहे अभियान से अब दूसरे लोग भी प्रेरणा लेकर अपने-अपने गांव में सफाई करने लगे हैं। सफाई अभियान के साथ-साथ गांव को शौच मुक्त करने के लिए भी ग्रामीणों को जागरूक किया गया।
उन्होंने कहा कि जो लोग शौच के लिए बाहर जाते हैं, उन्हें खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों के बारे में बताते हुए जागरूक करें। जिला प्रशासन का टारगेट है कि छब्बीस जनवरी से पहले जिलेभर के सभी गांव शौच मुक्त हो।करीब पांच माह पहले गांव के बलजीत ङ्क्षसह ने अपने घर की गली से सफाई अभियान की शुरुआत की थी।
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