यह व्रत खास है जो संतान की मंगल कामना के लिए किया जाता है,यह व्रत मातायें रखती हैं, जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जला किया जाता हैं जिसमें पूरा दिन एवं रात पानी नहीं पिया जाता, इसे तीन दिन तक मनाया जाता है।संतान की रक्षा के लिए इस व्रत को सबसे अधिक महत्व दिया जाता हैं।पौराणिक समय से इस व्रत की प्रथा चली आ रही है।
लोकसभा की 102 सीटों के लिए मतदान जारी, आठ केंद्रीय मंत्री, पूर्व राज्यपाल, दो पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में
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