जयपुर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री
अनिता भदेल ने अनूठी पहल की है। उन्होंने प्रदेश की तीन बालिकाओं को एक दिन का
मंत्री (सांकेतिक) बनाकर उनसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 10 हजार 500 मोबाइल और 282 महिला
सुपरवाइजर को आइपैड देने की स्वीकृति भी करवाई। [@ ताना मारने पर बसाया था यह शहर] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
शासन सचिवालय परिसर में मंगलवार को
राष्ट्रीय बालिका दिवस को सार्थक करते हुए भदेल ने गरिमा बालिका
संरक्षण एवं सम्मान पुरस्कार 2016-17 की विजेता राजसमंद निवासी जशोदा
गमेती, टोंक निवासी सोना बैरवा, प्रीति कंवर राजावत को एक दिन के लिए मंत्री का प्रभार सौंपा गया। यही
नहीं उन्हें मंत्रालय में होने वाले कार्य-कलापों से भी अवगत कराया।
उल्लेखनीय है
कि तीनों लड़कियों ने न केवल बाल विवाह के विरूद्ध आवाज उठाई बल्कि अपने आसपास होने
वाले बाल विवाह पर भी रोक लगवाई।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि
मैं इस सांकेतिक सम्मान के जरिए समाज को यह संदेश देना चाहती हूं कि बालिकाएं किसी
भी मायने में कम नहीं हैं। उन्हें अगर उड़ने आजादी दी ताए तो वे पूरे आसमान को नाप
सकती हैं। उन्होंने कहा कि समाज महिलाओं को कमतर नहीं आंके और उन्हें समान अवसर
दे।
उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा तो वे एक दिन खुद को जरूर साबित कर देंगी। भदेल ने कहा कि इन बालिकाओं के जरिए
हमने प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 10 हजार 500 एंड्राइड फोन और महिला सुपरवाइजर्स के लिए 282 आइपैड
की स्वीकृति (सांकेतिक) जारी करवाई है।
इस दौरान महिला अधिकारीता आयुक्त श्रीमती
ऋृचा खोड़ा और कई मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।
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