जयपुर। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर व्यक्ति को पुलिस से सुरक्षा एवं न्याय मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसी उद्देश्य के मद्देनजर पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय पुलिस जवाबदेह समितियों का गठन किया है। यह समितियां लोगों को पुलिस से न्याय दिलाने में अहम् भूमिका निभाएंगी।
कटारिया मंगलवार को राजस्थान पुलिस अकादमी के सभागार में पुलिस विभाग द्वारा आयोजित पुलिस जवाबदेह की राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियों की एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समितियां लोगों के लिये ऐसा प्लेटफार्म होंगी, जहां लोग यह महसूस करेंगे कि मैं पुलिस के पास आकर सुरक्षित हो गया हूं।
गृहमंत्री ने प्रदेश के नये पुलिस एक्ट को देश का मॉडल एक्ट बताते हुए कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों से सभी दलों के सहयोग से लगातार 56 घंटे तक मेहनत से राजस्थान का नया पुलिस एक्ट 2007 बनाया है। उन्होंने बताया कि इस एक्ट के तहत धारा 62 से 66 के प्रावधानों के अनुसार पुलिस की जवाबदेह राज्य समिति में अध्यक्ष व पांच सदस्यों को मनोनीत किया गया है। इसी प्रकार 33 जिला स्तरीय समितियों में अध्यक्ष एवं 5 सदस्यों का दो वर्ष के कार्यकाल के तहत निर्धारित मानदेय एवं सुविधाओं पर मनोनयन किया गया है तथा जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को सदस्य सचिव बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय समितियां पुलिस उप अधीक्षकों के ऊपर के अधिकारियों से संबंधित प्राप्त शिकायतों की जांच कर आम जनता को पुलिस से न्याय दिलाने के कार्य करेँगी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जिला स्तरीय समितियां कांस्टेबल एवं उससे ऊपर सीआई स्तर के पुलिस अधिकारियों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर आम आदमी को न्याय दिलाएगी।
कटारिया ने समितियों के पदाधिकारियों जनता के साथ पूरा न्याय करने की सलाह देते हुए कहा कि यह समितियां बिना किसी भेदभाव के आम जनता को न्याय दिलाने लिये कटिब़द्ध रहें, तब ही इनके उद्देश्य सफल होंगे। उन्होंने बताया कि इकतरफा फैसला कभी सही निर्णय नहीं होता है। उन्होंने कहा कि संभव हो तो दोनों पक्षों को सुनकर अपना कार्य करें क्योंकि न्याय के लिये कोई चश्मा नहीं होता।
उन्होंने पुलिस महकमें के कार्य कलापों प्रशंसा करते हुए कहा कि यह महकमा अपना कार्य ठीक ढंग से संपादित कर रहा है, इसी कारण मेरे राजनैतिक जीवन में पहली बार अपराधों में 21 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदेश के बढिया राज्यों में शुमार हो गया है, जहां अपराधों में कमी आई है।
राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेह समिति के अध्यक्ष जी.एल. गुप्ता ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला स्तरीय समितियों के सदस्यों को उनके कार्य व्यवहार की जानकारी देते हुए बताया कि समितियों का यह शैशवकाल है अभी बड़ी बातों का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने बताया कि मैं मानता हॅू कि अभी संसाधनों की कमी भी होगी, पर धीरे-धीरे सब व्यवस्था अपने आप हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि समितियां वास्तविकता की हद तक पहुंच कर कार्यवाही करोगे तो आपकी रिपोर्ट पर कार्यवाही होकर आम जन को न्याय दिला सकोगे। उन्होंने बताया कि यदि किसी प्रकरण में कोर्ट कार्यवाही शुरू हो चुकी हो तो फिर हमें कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिये। उन्होंने बताया कि समितियां मूल अधिकारों का हनन नहीं कर पुलिस को पीपल फै्रण्डली बनाने के प्रयास से आम जनता को जल्दी न्याय दिला सकोगे। उन्होंने बताया कि पुलिस के हर मामलें में हमे दखल का कोई हक नहीं है, हमें सिर्फ उन्ही मामलों की जांच करनी है, जिनकी शिकायतों में जनता को न्याय नहीं मिल रहा।
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