बीकानेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर निजी क्षेत्र की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ प्रत्येक माह की 9 तारीख को गर्भवतियों की नि:शुल्क प्रसव पूर्व जांच व उपचार करेंगी। वो भी सरकारी अस्पताल में। अगले माह की 9 तारीख को आयोज्य प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से ही ये सिलसिला शुरू हो जाएगा और ये विशेषज्ञ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवतियों की एएनसी जांच कर विशेष रूप से हाई रिस्क गर्भवतियों की पहचान और उनके सुरक्षित प्रसव की रणनीति पर जोर देंगी। इस सन्दर्भ में यहां स्वास्थ्य भवन सभागार में विभाग द्वारा निजी क्षेत्र की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। संयुक्त निदेशक डॉ. एच.एस. बराड़ ने अभियान में निजी क्षेत्र की गाइनीकोलॉजिस्ट की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अनिल वर्मा ने सभी आमंत्रित विशेषज्ञों को गरीब प्रसूताओं को अपनी नि:शुल्क सेवाएं देकर उनकी जीवन रक्षा करने, अपने सामजिक ऋण को चुकाने व देश की मातृ मृत्यु दर को कम करने में अपना योग देने की अपील की। आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता ने उन स्वास्थ्य केन्द्रों की सूची उपलब्ध करवाई जहां कोई चिकित्सक नहीं है या उनकी सेवाओं की अधिक आवश्यकता है। उन्होंने मां (Mother`s Absolute Affection) कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अपने-अपने संस्थानों में स्तनपान को बढ़ावा देने की अपील की। [@ Exclusive सरकार के इन विभागों से लोग सबसे ज्यादा दुखी...]
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