बीकानेर। आचार्य श्रीमहाश्रमण की धवल सेना से शासनश्री साध्वी पानकुमारी प्रथम, शासनश्री साध्वी मैणरया, साध्वी संयमश्री, गुणमाला एवं कमलप्रभा ठाणा-24 की पावन सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ का 153वां मर्यादा महोत्सव लाल कोठी, बीकानेर के प्रांगण में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। साध्वी संकल्पश्री एवं जयंतमाला ने मर्यादा का महत्व दर्शाते हुए गीत की स्वर लहरी प्रस्तुत की। साध्वी मृदुला एवं कल्याण मित्रा ने मर्यादित पुरुष के आचरण और छवि पर ध्यान केन्द्रित कराते हुए श्रावक समाज को मर्यादा पत्र में प्रेषित संघ, मुनि व श्रावकों की मर्यादा से अवगत कराया। ‘ए ज्योतिपुंज जय भिक्षु’ गीत पर मोनोएक्टिंग की नयनाभिराम प्रस्तुति साध्वी वर्ग एवं बीकानेर कन्या मण्डल की एक अकल्पनीय जोड़ी द्वारा संयुक्त रूप से दी गई। साध्वी परमयशा, साध्वी लक्ष्यप्रभा व साध्वी मुक्ताप्रभा की भावनाएं अपने चरम को छू रही थीं। उन्होंने 5 तरह के संघ, व 5 मर्यादा का उल्लेख लघु नाटिका द्वारा किया। साध्वीश्री गुणमाला व कमलप्रभा ने अपने वक्तव्य में मर्यादा को शासन की प्रगति का एक स्त्रोत बतलाया। सभी साध्वियों ने सप्तलहरी की अविस्मरणीय संयुक्त प्रस्तुति देते हुए कार्यक्रम का समापन संघ गान से किया। साध्वीश्री सहजप्रभा के प्रखर व जोशीले संयोजन से कार्यक्रम में गतिशीलता बनी रही। [@ यह है अनोखा कोर्ट, यहां नहीं मिलती तारीख पे तारीख] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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