नरेंद्र शर्मा [# आज भी याद दिलाता है अकबरी शान को तख्ते अकबरी] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
अमृतसर। एसवाईएल को लेकर पंजाब और हरियाणा के मध्य तनाव बढ़ने के आसार बन रहे हैं क्योंकि इनेलो ने 23 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की सीमा शम्भू बार्डर पर एसवाईएल की खुदाई आरम्भ करने की घोषणा कर रखी है, वही दूसरी और सिख छात्र संघ ने इस खुदाई को रोकने की घोषणा कर रखी है। इस वीच अकाली दल और कांग्रेस ने इनेलो को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी है। आम आदमी पार्टी ने इनेलो द्वारा अकाली दल से मिलकर माहौल खराब करने का आरोप लगाया है।
पिछले 15 वर्षों से सत्ता से बाहर बैठी इनेलो ने एसवाईएल जैसे भावनात्मक मुद्दे के माध्यम से सत्ता में आने के प्रयास आरम्भ कर दिए हैं। उसने इस मुद्दे को इसलिए चुना है क्योंकि इनेलो नेता जानते हैं की इस मुद्दे पर हरियाणा कांग्रेस या भाजपा किसी भी सूरत में उनका विरोध नहीं कर सकती हैं। यदि वह ऐसा करते हैं तो हरियाणा की जनता किसी भी हालत में इसे सहन नही करेगी। दूसरा कारण पंजाब में सरकार का बदलना है। यही कारण है की इनेलो ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस भावनात्मक मुद्दे को चुना है। अब इनेलो 23 को शम्भू बार्डर पर । की खुदाई का कार्य आरम्भ करेंगे जिसे अकाली दल समर्थक सिख छात्र संघ रुकवाने का प्रयास करेगा। इसमें हिंसा की सम्भावनाओ से इंकार नही किया जा सकता है, जिसका सीधा प्रभाव पंजाब ,हरियाणा अथवा केंद्र की सरकार पर पड़ेगा। पंजाब में इस विरोध का लाभ अकाली दल को मिलेगा और वह सम्भावित गैर अकाली सरकार को परेशान करने में सफल रहेगे।
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