नरेंद्र शर्मा [@ Punjab Election-चुनावी रण में नहीं पार्टियों को महिलाओं पर भरोसा] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
अमृतसर। शराब व्यापारी भीम टांक हत्याकांड के आरोपी शिव लाल डोडा द्धारा भाजपा प्रत्याक्षी को दिया जा रहा समर्थन भाजपा के गले की हड्डी बनता जा रहा है ! इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भाजपा -अकाली गठबंधन को आड़े हाथों लेने का प्रयास कर रही है। जिसके कारण अबोहर और आसपास के क्षेत्रों में ही नही अपितू पूरे मालवा क्षेत्र में ही गठबंधन की छवि खराब हो रही है। डोडा ने 2012 में भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर इस क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।
उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सुनील जाखड़ को कड़ी टक्कर दी थी। वह कांग्रेस प्रत्याशी से करीब नौ हजार मतों से हारे थे। वहीं भाजपा के प्रत्याशी विजय लक्ष्मी भादू की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार भी डोडा ने जेल से अदालत की अनुमति लेकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। परंतु उसके बाद अकाली नेताओं की और से उस पर अपने कागज वापिस लेने का दबाव बढऩे लगा था।
जिसके चलते उसने अंतिम समय में कागज वापिस लेने की अर्जी दी थी। मगर तकनीकी कारणों से वह स्वीकार नहीं हुई। जिसके चलते उन्हें चुनाव चिन्ह बाल्टी आवंटित कर दिया गया था। इस समय वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। दूसरी और उनके मुकाबले कांग्रेस ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा है। भाजपा ने इस बार अरुण नारंग को टिकट दिया है। वैसे तो बसपा और टीएमसी की और से भी यहां उमीदवार मैदान में उतारे गए हैं परन्तु न तो इस क्षेत्र में बसपा का कोई आधार है और न ही टीएमसी का।
इस विधान सभा क्षेत्र में अधिकतर कांग्रेस का ही बोलबाला रहा है। अब तक हुए चौदह विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस ने यहां आठ बार विजयी प्राप्त की है। इस चुनाव में अकाली समर्थित डोडा के मैदान में रहने से भाजपा के प्रत्याशी की स्थिति कुछ खास नहीं है। क्योंकि अकालियों के वोट डोडा के पक्ष में जाएंगे। डोडा द्धारा भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के कारण क्षेत्र में भाजपा की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
डोडा का समर्थन लेने के कारण दलित वोट भाजपा से दूर चला गया है। इसके अतिरिक्त आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को भाजपा को घेरने का एक मुद्दा मिल गया है। यह दोनों ही दल इस मुद्दे को भुनाने में लगे हुए हैं। डोडा को लेकर केवल इसी सीट पर ही नही बल्कि पूरे मालवा क्षेत्र में अकाली-भाजपा गठबंधन की किरकिरी हो रही है।
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope