इलाहाबाद (अमरीष मनीष शुक्ला)। काली कमाई के कुबेर व पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी एक बार फिर चुनाव मैदान में उतर आये हैं। हालांकि हंडिया से चार बार विधायक रहे राकेश इस बार पाला बदलकर भगवा दल के गठबंधन की नाव पर सवार हैं। अपना दल अनुप्रिया पटेल ने त्रिपाठी को हंडिया से टिकट दे दिया है। जिससे न सिर्फ त्रिपाठी के खत्म होते राजनैतिक कैरियर को सहारा मिल गया । बल्कि हंडिया विधानसभा सीट पर चुनाव भी दिलचस्प हो गया है । [@ UP ELECTION: पढ़ें, मुलायम की नाराजगी का गठबंधन पर क्या होगा असर ?]
भाजपा सरकार व बसपा सरकार में राकेशधर त्रिपाठी यही से विधायक बने फिर उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं। अाय से अधिक संपत्ति के मामले में वह जेल में बंद थे। अभी अभी वे जेल से छूटे हैं और तुरंत टिकट मिलते ही चुनावी मैदान में प्रचार प्रसार करने उतर गये हैं।
वासुदेव यादव की साख दांव पर
हंडिया विधानसभा का चुनाव इसलिये अधिक महत्वपूर्ण हो जाता हैं क्योंकि यहां समाजवादी पार्टी ने अपने विधायक का टिकट काट कर पार्टी के खासमखास वासुदेव यादव की बेटी निधि यादव को टिकट दे दिया है। वासुदेव यादव यूपी बोर्ड के सचिव रहे हैं। बीते एमएलसी चुनाव में भाजपा के रईश चन्द्र शुक्ला को हराकर मौजूदा एमएलसी भी हैं। इनकी गिनती सपा परिवार के बेहद करीबियों में होती है। वासुदेव के प्रभाव के चलते ही निधि को टिकट मिला है। जहां निधि के साथ वासुदेव की साख भी दांव पर है। निधि यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्र नेता है। अभी वह राजनैतिक विषय पर ही विदेश दौरे पर भेजी गई थी ।
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