धर्मशाला। प्रदेश के सभी प्राईमरी, मिडल, हाई व सीनियर सकैंडरी स्कूलों के निरीक्षण से पहले ही इसके लिए गठित की गई इंस्पेक्शन विंग को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। सरकार का मानना है कि प्रदेश के स्कूलों के निरीक्षण से जहां स्कूलों का माहौल सही होगा वहीं स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सुधार होगा परंतु निरीक्षण के लिए नियुक्त प्रधानाचार्य व ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति वरिष्ठता व बीआरसी की तर्ज पर न होने से स्कूलों मे शैक्षणिक माहौल बिगडऩे व अनावश्यक विवाद उत्पन्न होने का खतरा मंडरा गया है।
आरोप है कि स्कूलों के निरीक्षण को लेकर सरकार द्वारा तैयार की गई इंस्पेक्शन विंग में हैड मास्टरों को जगह नहीं दी गई है तथा यह कतई भी तर्कसंगत नहीं है कि एक यूनियर अधिकारी अपने वरिष्ठ का निरीक्षण करें। इंस्पेक्शन विंग वरिष्ठता को लेकर उपजे विवाद को लेकर अभी प्रदेश के सभी प्राईमरी, मिडल, हाई व सीनियर स्कैंडरी स्कूलों के निरीक्षण का कार्य भी आरम्भ नहीं हो सका है। दीगर है कि हिमाचल मे शिक्षा के बिगड़ते माहौल को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने निदेशालय स्तर पर संयुक्त निदेशक के अधीन अलग विंग नियुक्त किया जिसमें 12 उपनिदेशक 20 प्रधानाध्यापक व 20 खण्ड प्राथमिक शिक्षा अधिकारियो की एक टीम का गठन होना तय हुआ। टीम का अभी गठन भी नहीं हुआ कि इन नियुक्तियों को लेकर बबाल खड़ा हो गया है। प्रधानाचार्य की नियुक्तियां सिफारिश के आधार पर होना से अध्यापक संघ विफर गया है। इसी के साथ निरीक्षण विंग में मुख्याध्यक वर्ग की अनदेखी भी रास नहीं आ रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी प्राईमरी, मिडल, हाई व सीनियर सकैंडरी स्कूलों के निरीक्षण की बात कही थी, जिसको लेकर ही सरकार द्वारा इंस्पेक्शन विंग का गठन किया गया। इस बिंग द्वारा पूरे वर्ष तक स्कूलों निरीक्षण किया जाता रहेगा, जिसमें इस बात का पता लग जाएगा कि स्कूलों की मौजूदा समय में क्या स्थिति है, स्कूलों में फंड का प्रयोग सही ढंग से हो रहा है या नही, बच्चों को किस प्रकार से शिक्षा प्रदान की जा रही है तथा स्कूल सही ढंग से कार्य कर रहे हैं या नहीं। मगर अध्यापक संघ ने गठित बिंग को लेकर सरकार पर वरिष्ठता की बातों को नजर अंदाज करने की बात कही है। संघ मानना है कि एक जूनियर अपने सीनियर का निरीक्षण करेगा तो सीनियर से हजम नही होगा तथा इससे स्कूलों में विवाद पैदा होगा। संघ का कहना है कि इंस्पेक्शन विंग का पूर्णगठन होना जरुरी है ताकि बिंग में सीनिर व जूनियर के फर्क को पहचाना जा सके।
इस बारे में नरेश कुमार प्रधान अध्यापक संघ ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों के निरीक्षण को लेकर सरकार ने जो इंस्पेक्शन विंग तैयार किया है इस पर पूर्ण विचार किया जाना चाहिए। बिंग में हैड मास्टरों को नजरअंदाज किया गया है। कोई नहीं चाहता कि एक जूनियर अपने सीनियर का निरीक्षण करे। इससे स्कूलों में माहौल बिगड़़ेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को शीघ्र एक ज्ञापन सौंपा जाएगा तथा इंस्पेक्शन विंग में सही नियुक्तियां करने की बात कही जाएगी साथ ही मास्टर वर्ग को निरीक्षण बिंग मे जोडऩे की मांग करेगा। यह कतई तर्कसंगत नहीं है कि एक कनिष्क व्यक्ति अपने वरिष्ठ का निरीक्षण करे।
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