जयपुर। अपना संस्थान की ओर से शनिवार को विश्व संवाद केंद्र पर प्रर्यावरण संरक्षण पर विचार गोष्ठी एवं प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया । इस अवसर पर रा.स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ.भगवती प्रकाश ने कहा कि पहले हर मौसम में फलने वाले पेड़ हर आधा किलोमीटर के फांसले पर मिल जाते थे, जिनसे पक्षियों को आवास व भोजन आसानी से उपलब्ध हो जाता था। वर्तमान में इसमें बड़ी कमी आई है।
पक्षियों को दाना-पानी के लिए मीलों दूर जाना पडता है और नहीं मिलने पर उनकी अकाल मौत हो जाती है। इन सबको देखते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। जैव विविधता के बारे में जानकारी देने हुए उन्होंने कहा कि हमें सार्वजनिक स्थानों पर विविध प्रकार के फलदार पौधों का रोपण नियमित करना होगा ताकि पक्षियों को बारह महीनें दाना-पानी मिल सके। उन्होंने कहा कि 75 करोड़ टन कोयला बिजली बनाने में खर्च हो रहा है जिससे पर्यावरण खराब हो रहा है। हिमालय के हिमखण्ड गल रहे हैं। गोमुख कुण्ड 18 किमी पीछे चला गया है। 2035 तक हिमालय के हिमखण्ड गल जाएंगे। शेष देशों में भी ग्लेसियर के आकार घटने का सिलसिला जारी है। समुद्र का स्तर दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है जो चिंता बढाने वाला है। डॉ.भगवती प्रकाश ने कहा इसके चलते पक्षियों की अनेक जातियां लुप्त प्राय हो गई है। इसलिए अपना संस्थान इस पारिस्थितिक असंतुलन को ठीक करने के लिए सघन पौधारोपण का कार्यक्रम हाथ लिया।
तीन लाख से अधिक पौधारोपण
अपना संस्थान प्रदेश सचिव विनोद मैलाना ने बताया कि अपना संस्थान ने पौधें लगाने का अभियान इस सत्र में हाथ में लिया। अभियान जन—अभियान बना। प्रदेशवासियों ने पौधारोपण के प्रति उत्साह दिखाया। प्रदेश के 7209 ग्रामों में तीन लाख चार हजार एक सौ चालीस पौधें लगाए गए है। आगामी दो—तीन सालों तक लगायें गये पौधों की देखभाल की पुख्ता व्यवस्था भी की जा रही है।
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