जयपुर । पाली जिले की पिछले पांच महीने से बंद पड़ी 626 टैक्सटाइल यूनिटों के बंद होने से अब तक 20 हजार मजदूर पलायन कर चुके है और 7 हजार करोड़ का नुकसान यूनिटों के मालिकों को उठाना पड़ा है। वहीं इन यूनिटों को दोबारा शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है। मंगलवार को शासन सचिवालय में केंद्रीय राज्यमंत्री पी.पी चौधरी, उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत और वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की संयुक्त बैठक में यह तय हुआ कि राज्य सरकार नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल मेेें टैक्सटाइल यूनिटों का पक्ष रखेगी। केंद्रीय राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने बैठक के बाद बताया कि एनजीटी में 8 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई होनी है। इस दौरान कोर्ट को यह बताया जाएगा कि तय मापदंडों के मुताबिक ही यूनिटें प्रदूषित पानी छोड़ेगी। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बीते साल अक्टूबर में दो दिन का सर्वे कर चुका है और इसकी रिपोर्ट एनजीटी में सौंपी जा चुकी है। वहीं पाली का सीईटीपी ट्र्स्ट प्रदूषण नहीं हो, इसके लिए एक्शन प्लान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंप चुका है। राज्य बोर्ड ने बीते साल दिसंबर को गाइडलाइन के तहत सीईटीपी ट्रस्ट को कदम उठाने को कहा था। इस बैठक में स्थानीय विधायक ज्ञानचंद पारीख, उप मुख्यसचेतक मदन राठौड़, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण विभाग, आरएसपीसीबी के अध्यक्ष समेत राजस्थान टैक्सटाइल हैंड प्रोसेस एसोसिएशन पाली के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। [@ यहां पकौडे और चटनी के नाम रामायण के किरदारों पर] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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