शिमला। शिमला नगर को पानी की आपूर्ति करने वाली गिरी पेयजल परियोजना से पानी की लीकेज वाली पाइपों को बदलने का काम अंतिम चरण में चल रहा है। अगले 10-15 दिनों में कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना से 20 एमएलडी पानी मिलेगा तथा शहर में पान की राशनिंग खत्म होगी। आगामी दिनों में शिमला में रोजाना पानी की आपूर्ति की जाएगी। यह बात नगर निगम के मेयर संजय चौहान ने आज शिमला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि शिमला नगर के लिए मास्टर प्लान और मोबिलिटी प्लान को अंतिम रूप दिए जाने तथा उसे जल्दी लागू करने की जरूरत है लेकिन राज्य सरकार तथा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इस परियोजना को ठण्डे बस्ते में डाल रखा है। [# अजब-गजबः नमक के दाने पर पेंटिंग का रिकार्ड] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उन्होंने कहा कि शिमला नगर निगम के हर क्षेत्र को रौशन बनाने के लिए स्ट्रीट लाईटें लगाने का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा ताकि हर क्षेत्र रोशन हो सके। महापौर ने कहा कि आज शिमला नगर निगम की वितीय स्थिति में काफी सुधार हुआ है और नगर निगम अब एक सरप्लस स्थानीय निकाय बन चुका है, अन्यथा हर मास की पहली तारीख को कर्मचारियोें को पैंशन तथा वेतन देने की गंभीर समस्या से जूझना पड़ता था। संजय चौहान ने कहा कि आज नगर निगम क्षेत्र के 90 फीसदी घर डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने की योजना से जुड़ चुके हैं।
प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा कि यदि किसी भी घर ने इस योजना से जुडने से इंकार किया, तो उस घर का बिजली-पानी का कनैक्सन काट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज कूड़ा शहर से काफी मात्रा में एकत्रित किया जा रहा है और नगर निगम की कूड़ा कर्कट से बिजली पैदा करने का प्रोजेक्टा पहली अप्रैल से शुरू हो जाएगी। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की कार्यकुशलता के अभाव में शहरी बेघर लोगों को घर देने की योजना को लागू न हो पाने के लिए नगर निगम जिम्मेवार नहीं है।
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