मथुरा। अगर आपके इरादे बुलंद हों और अपनी काबिलियत पर विश्वास
हो तो असंभव भी संभव बन जाता है। ऐसी बातों पर मथुरा के शशिकांत भारद्वाज जैसे
लोगों की बदौलत विश्वास बढ़ता है। जी हां, शशिकांत भारद्वाज ने असुविधा और हालात
को मात देते हुए कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे न सिर्फ उसका परिवार बल्कि देश गर्व
महसूस कर रहा है। [ इस पानी को पीओगे तो उतर जाएगा जहर] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
मथुरा के बालाजीपुरम के रहने वाले शशिकांत भारद्वाज ने चांद पर
चलने वाली मून बग्गी का निर्माण किया है। मून बग्गी के निर्माण के चलते उनका चयन
अमेरिका के अल्बामा स्थित मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर और रॉकेट स्पेस सेंटर
हेबीटेट-2 में होने वाली नासा ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेन्ज प्रतियोगिता के
लिए हुआ है। यह प्रतियोगिता 31 मार्च से शुरू होकर दो अप्रैल को समाप्त होगी।
शशिकांत भारद्वाज की टीम में कुल छह सदस्य शामिल हैं।
शशिकांत भारद्वाज के पिता बालाजीपुरम में आटा चक्की चलाते हैं।
पिता जयप्रकाश भारद्वाज बताते हैं कि पुत्र शशिकांत शुरूआती पढाई के दिनों से ही
काफी तेज रहा है। वह हमेशा अपनी पढ़ाई और करियर के बारे में संजीदा रहा।
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