लखनऊ। गणतंत्र दिवस के
मौके पर उत्तर प्रदेश के सात पुलिसकर्मियों को वीरता पदक गैलेंट्री अवार्ड से
सम्मानित किया गया। इनके अलावा पांच पुलिस अफसरों को विशिष्ट सेवाओं के लिए
राष्ट्रपति के पुलिस पदक से नवाजा गया। [@ यहां पति के जिंदा रहते महिलाएं हो जाती हैं विधवा] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
वीरता पदक पाने वाले पांच
पुलिसकर्मी एक ही घटना से संबंधित हैं। यह घटना पांच जून, 2015 को सहारनपुर में
हुई थी। इस पुलिस टीम ने पुरस्कार घोषित अपराधी राहुल खट्टा व धर्मेद्र उर्फ भंते
वाल्मीकि को मार गिराया था। बागपत के रहने वाले ये दोनों अपराधी शामली के चरथावल
थाना क्षेत्र में एक भट्टा व्यापारी से फिरौती मांगने गए थे। पुलिस की घेराबंदी के
बाद वे सहारनपुर की तरफ भागे।
सहारनपुर के रामपुर मनिहारन थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह
राणा, तत्कालीन स्वाट टीम के प्रभारी एसआई संजय पाण्डेय, एसआई मनीष बिष्ट, एसआई
एवं तत्कालीन हेड कांस्टेबल जर्रार हुसैन, तत्कालीन स्वाट टीम के हेड कांस्टेबल
प्रवेश कुमार तथा कांस्टेबल प्रभात कुमार के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ में दोनों
अपराधी मार गिराए गए। सभी पुलिसकर्मियों को वीरता के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुलिस
पदक मंजूर किया गया है।
लखनऊ में हुई अपहरण की एक घटना में बहादुरी दिखाने वाले एसटीएफ के तत्कालीन डीएसपी
मनीष कुमार मिश्र को भी गैलेंट्री अवार्ड के लिए चुना गया है। इस समय वह गाजियाबाद
में डीएसपी हैं।
20 जनवरी, 2016 को लखनऊ के अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल के छात्र
गौरव मिश्रा (11) का स्कूल से घर वापस जाते समय उसके चालक सुरेंद्र कुमार व तीन
अन्य बदमाशों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। इन बदमाशों ने उसके पिता से डेढ़ करोड़
रुपये की फिरौती मांगी थी। तत्कालीन डीजीपी ने जिला पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ लखनऊ
को भी लगाया गया था।
21 जनवरी को लखनऊ के मलिहाबाद थाना क्षेत्र में पुलिस और अपराधियों के बीच हुई
मुठभेड़ में चार अपराधियों को मार गिराने में सफलता मिली तथा अपहृत को सकुशल बरामद
किया गया। मारे गए चारों बदमाशों- सुरेंद्र कुमार, अनिल कुमार, सुमित तिवारी व
संजीव मिश्रा के पास से एक 9एमएम पिस्टल, दो तमंचा 315 बोर, एक तमंचा 12 बोर, चार
कारतूस एवं चार खोखा कारतूस व एक इंडिका कार बरामद हुई थी।
विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित होने वालों में एडीजी
आनंद कुमार, आईजी एसबी शिराडकर, डीआईजी विजय यादव, डीएसपी ओम प्रकाश सिंह व
इंस्पेक्टर संगम लाल मिश्रा शामिल हैं।
दीर्घ एवं सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक पाने वालों में प्रदेश पुलिस के 72
अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। इसमें डीआईजी वाराणसी रहे डॉ. संजीव गुप्ता, डीआईजी
बरेली आशुतोष कुमार, डीआईजी लखनऊ प्रवीन कुमार, कमांडेट फतेहपुर रतन कांत पांडेय व
एसपी अंबेडकरनगर पीयूष श्रीवास्तव भी शामिल हैं।
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