उदयपुर। जिले के फलासिया थाना क्षेत्र के सोम गांव में बहू की मौत के मामले में शुक्रवार को खाकी और आदिवासी नेताओं की दखल के बाद मौताणे का निबटारा किया गया। दरअसल सास द्वारा आए दिन दहेज की मांग और चरित्र पर संदेह को लेकर किए जाने वाले झगड़ों से परेशान होकर बहू ने कीटनाशक पी लिया था। बाद में बेसुध अवस्था में उसे फलासिया के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर ले जाया गया। वहां उसकी हालत को गंभीर देखते हुए महिला को उदयपुर के एमबी चिकित्सालय में रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। बाद में महिला के पीहर और ससुराल पक्ष वाले थाने पहुंच गए। वहां शव ससुराल पक्ष वालों को सौंप दिया गया। इस दौरान पीहर पक्ष वालों ने अपनी बेटी का चेहरा आखिरी बार देखा और वहां से अपने गांव नांदमाला चले गए। दूसरे दिन पूरा गांव सोम की तरफ रुख करने लगा। [ श्याम मसाले ने कराई घर घर में मौजूदगी दर्ज] [ सैंकड़ों सालों से सीना ताने खड़ा है सोनार] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
पुलिस ने चढ़ोतरे के डर से पीहर पक्ष और ग्रामीणों को बीच रास्ते जंगल में ही रोक दिया और ससुराल पक्ष से समझौते की बात कही। ऐसे में दोनों पक्षों को वहां बुलाया गया। समाज के लोगों के दखल के बाद डेढ़ लाख से शुरू हुआ मौताणा 37 हजार पर जाकर खत्म हुआ। आश्चर्य की बात तो यह रही कि यह गैर कानूनी समझौता कानून के रखवालों की मौजूदगी में किया गया।
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