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चांद या मंगल पर रहना पडेगा ऎसे आवास में!

वाशिंगटन। आईएसएस में गहन अंतरिक्ष अन्वेषणों के लिए निर्मित प्रथम एक्सपेंडेबल हैबिटेट कक्ष जोडने की प्रथम कोशिश विफल होने के बाद नासा ने शनिवार को दूसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली। नासा ने अंतरिक्ष केंद्र के साथ पहला प्रायोगिक इनफ्लेटेबल यानी हवा भरकर फुलाया गया कक्ष जोड दिया है। अंतरिक्षयात्रियों को चांद या मंगल ग्रह पर रहने के लिए इसी तरह के आवासों की जरूरत पड सकती है।

नासा के अंतरिक्ष यात्री जेफ विलियम्स ने शनिवार को बिगेलो एक्सपेंडेबल एक्टिविटी मॉड्यूल (बीईएएम) में हवा भरना शुरू कर दिया लेकिन उन्होंने अंतरिक्ष यान में केवल कुछ समय तक ही हवा भरी थी। हवा भरने का समय 22 सेकंड के बीच रहा।

नासा के प्रवक्ता डैनियल हुओट ने बताया कि मॉड्यूल पूरी तरह से फैलाया हुआ और पूरी तरह दाबित है। अब अंतरिक्षयात्री ढेर सारी परीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं इससे हवा का रिसाव नहीं हो। वे तकरीबन एक हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र के ट्रांकि्वलिटी मॉड्यूल से पहली इसमें प्रवेश करने से पहले ढेर सारी अन्य तैयारियां भी करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि फैलाने की प्रक्रिया को खोलना भी कहा जा सकता है क्योंकि बीम को पूर्ण आकार में लाने के लिए महज 0.4 पीएसआई की जरूरत पडती है।

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