राजसमंद। राज्य सरकार की पालनहार योजना 38 वर्षीय दिव्यांग तलेन्द्रदास उदासी एवं उसके परिवार के लिए खुशी ला रही है। योजना के तहत मिलने वाली पेंशन से जहां तीन पुत्रियॉ एवं सबसे छोटा पुत्र शिक्षा पाकर आगे बढ रहे है और दिव्यांग पिता एवं गरीब मां के कई सपने पूरे करने में जुटे हुए है।
जिले की रेलमगरा पंचायत समिति मुख्यालय पर रहने वाले तलेन्द्र उदासी बताते है कि जन्म से अपंग होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तीन पुत्रिया,एक पुत्र तथा पत्नी का पूर्ण रूप से भरण पोषण किया। दिव्यांग उदासी 80 प्रतिशत विकलांग होने के बावजूद वे राजसमन्द जिला विकलांग संघ के अध्यक्ष भी है और कई अन्य सामाजिक जिम्मेदारियंा वहन कर समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है।
दिव्यांग उदासी की पत्नी से भरण-पोषण सहित बच्चों की शिक्षा के संबंध में बातचीत की गई तो उन्होनें बताया कि वे पति के साथ खुश है और राज्य सरकार द्वारा प्राप्त हो रही पेंशन और मजदूरी से घर परिवार चल रहा है। सबसे बडी पुत्री 12 वर्षीय कनिष्का ने बताया कि वे मां एवं पिता के त्याग को भुला नही पाएगी वह बताती है, कि वे बडी होकर डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा करना चाहती है। सबसे छोटा पुत्र 6 वर्षीय नर्सरी में अध्ययनरत पुष्पेन्द्र बता रहा है कि वह बडा होकर पुलिस में भर्ती होकर सेवा करना चाहता है। दिव्यांग के परिवार में पत्नी अंगना, 8 वर्षीय पुत्री टीना एवं 7 वर्षीय विनिता पालनहार योजना का लाभ प्राप्त कर रहे है। दिव्यांग उदासी सहित पूरे परिवार में आज खुशनुमा परिवेश है और वे सभी राज्य सरकार का धन्यावाद दे रहे है कि उन्हे जीवन गुजर बसर करने एवं आगे बढने के लिए सरकार की आर्थिक सहायता महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
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