रियाद। महिलाओं के अधिकारों के मामले में वैसे तो सऊदी अरब का रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नही है। लेकिन, अब कुछ लोग महिलाओं की अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आए हैं। अब यहां अकेली महिलाओं की दोबारा शादी करवाई जा रही है। कुछ पुरुषों ने एक संस्था बनाई है, जो तलाकशुदा व विधवा महिलाओं को फिर से शादी के लिए प्रेरित कर रही है। इस संस्था को 100 लोगों ने मिलकर शुरू किया है। इसमें डॉक्टर, इंजीनियर, धार्मिक विद्वान और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर आदि शामिल हैं। आठ महिलाएं भी सदस्य हैं। आपको बात दें कि सऊदी अरब मेुं 20 लाख से ज्यादा महिलाएं बिना शादी के जीवनयापन कर रही है। इनमें ज्यादातर महिलाएं विधवा और तलाकशुदा है।
कानून के मुताबिक इन महिलाओं को फिर से शादी की इजाजत है, लेकिन महिलाएं दोबारा शादी नहीं करती हैं। लेकिन, अब महिलाओं को दोबारा शादी के लिए प्रेरित किया जा रहा है। संस्थापक आतहल्ला अल अबार ने कहा कि हम पुरुषों को अकेली रहने वाली महिलाओं को लाइफ पार्टनर बनाने के लिए प्रेरित कर रहे है, महिलाओं की दोबारा शादी हो सके। सऊदी अरब में इस्लाम के सारे नियम लागू होते हैं। जब सऊदी अरब ने पहली बार महिला एथलीट्स को लंदन ओलिंपिक में हिस्सा लेने भेजा था तो कट्टरपंथी नेताओं ने उन्हें यौनकर्मी कह कर पुकारा था।
ये है महिलाओं पर पाबंदी
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