झाँसी (लक्ष्मी नारायण शर्मा)। दिग्गज कांग्रेसी नेता और समथर रियासत के राजा रणजीत सिंह जूदेव इस
बार विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। झाँसी के गरौठा सीट पर लगातार दो बार से
विधायक दीप नारायण यादव के खिलाफ अब कांग्रेस को किसी दमदार प्रत्याशी की
तलाश है।
गरौठा-समथर विधान सभा सीट पर पिछले 42 सालों में दस बार कांग्रेस
के टिकट पर चुनाव लड़ने और पांच बार जीतने वाले जूदेव प्रदेश
सरकार में गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं । पिछले कई चुनाव में उन्हें
लगातार हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कांग्रेस इस दिग्गज नेता का कोई
विकल्प इस क्षेत्र में अब तक नहीं तलाश पाई है । इस बार रणजीत सिंह जूदेव ने पूरी तरह से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है जिसके बाद नए प्रत्याशी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस ने रणजीत सिंह जूदेव को
पिछले दिनों पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। वे इससे पहले भी इस पद
पर रह चुके हैं। इस बार चुनाव लड़ने से मना करने के उनके ऐलान के बाद पार्टी
ने संगठन की जिम्मेदारी उन्हें सौपी है। समथर रियासत के राजा रणजीत सिंह जूदेव का कुंडा राजघराने और सिंधिया राजघराने से पारिवारिक रिश्ता है। कुंडा के विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री राजा भैया रणजीत सिंह जूदेव के
सगे भांजे हैं जबकि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया उनकी
समधन हैं। विधान सभा क्षेत्र का परिसीमन बदल जाने के कारण पिछले कई चुनाव
में रणजीत सिंह लगातार चुनाव हारते रहे लेकिन वोटिंग में समथर क्षेत्र में
वे हमेशा बढ़त बनाये रखते रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी से रणजीत सिंह जूदेव के
चुनाव न लड़ने पर कई वर्तमान प्रत्याशियों की नजर समथर के वोटरों पर हैं।
सपा से दो बार विधायक रहे दीप नारायण सिंह भी इस क्षेत्र में घुसपैठ के लिए
लगातार चहलकदमी करते हुए दिखाई देते रहे हैं। उनकी कोशिश है कि राजा को
पड़ने वाले इस परंपरागत एकमुश्त वोट को अपनी ओर मोड़ने की कोशिश की जाये। इसी
तरह बसपा प्रत्याशी डॉ अरुण मिश्रा समेत भाजपा और कांग्रेस के संभावित
प्रत्याशी भी इस क्षेत्र के वोटरों को अपनी ओर करने की कोशिश में जुटे हुए
है।
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