नई दिल्ली। सीएम अखिलेश यादव की ओर से शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की पहले तीन चरणों के लिए 191 उम्मीदवारों की सूची जारी किए जाने से कांग्रेस सकते में है। इससे दोनों पार्टियों में होने जा रहे गठबंधन पर फिर सस्पेंस बन गया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सपा के इस ऐलान से काफी नाराज है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि दोनों को साथ में उम्मीदवारों का ऐलान करना था, लेकिन सपा ने ऐसा पहले ही कर दिया। यहां तक कि जो सीट कांग्रेस ने मांगी थी, उन पर भी सपा ने प्रत्याशी खड़े कर दिए। 191 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के कुछ ही घंटों के अंदर
समाजवादी पार्टी ने 19 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी। इस लिस्ट
में पवन पाण्डेय को एक बार फिर अयोध्या से प्रत्याशी बनाया गया है। उनकी
गुरुवार को ही सपा में वापसी हुई है। शिवपाल यादव ने एमएलसी आशु मलिक के
साथ कथित तौर पर मारपीट के आरोप में उन्हें सपा से बर्खास्त किया था। इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 5
कालिदास मार्ग पर अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि
गठबंधन को लेकर चर्चा हो रही है। सूत्रों के मुताबिक अभी भी कुछ गुंजाईश
बची है क्योंकि सपा ने अमेठी, सुल्तानपुर समेत कई सीटों पर कैंडिडेट नहीं
उतारे हैं।
गौतमबुद्ध नगर की तीन सीट नोएडा, दादरी और जेवर पर सपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए, जबकि कांग्रेस यहां से कम से कम एक सीट पाने की उम्मीद कर रही थी। वहीं, अखिलेश खेमे के नेता एवं सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा है कि अमेठी सीट के अलावा लखनऊ कैंट सीट भी सपा अपनने पास ही रखेगी। बता दें कि अमेठी कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जबकि कैंट सीट पर कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को पिछली बार जीत मिली थी। हालांकि, जोशी अब भाजपा में शामिल हो चुकी है।
लखनऊ कैंट सीट पर मुलायम सिंह की पुत्रवधू अपर्णा यादव की दावेदारी के चलते छोडऩे पर कांग्रेस राजी है। इसके बदले वह लखनऊ उत्तर व मध्य सीट चाहती है जबकि सपा उसके लिए लखनऊ (पूर्व) विधानसभा सीट छोडऩा चाहती है। सपा यह सीट अब तक जीत नहीं पाई है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस-सपा गठबंधन में आधा दर्जन सीटों पर पेच है। सपा अपने मंत्री गायत्री प्रजापति के लिए अमेठी सीट चाहती है, बदलने वह गौरीगंज सीट छोडऩे को तैयार है। सूत्रों का कहना है कि अदला-बदली में कांग्रेस रायबरेली, पछरांवा, तिलोई, हरचंदपुर और ऊंचाहर सीट मांग रही है। सरेनी पर भी दावा है।
सपा सरेनी और ऊंचाहर सीट नहीं छोडऩा चाहती, ऊंचाहर के विधायक मनोज पांडेय सरकार में मंत्री हैं। सपा के ताजा रुख से दोनों के गठबंधन की संभावनाओं पर फिर आशंका के बादल छा गए हैं। किरणमय नंदा ने आज कहा कि गठबंधन को लेकर कांग्रेस का रुख सकारात्मक नहीं है और कांग्रेस केवल 54 सीटों की हकदार है, लेकिन 25-30 और दी जा सकती है। उनके इस बयान और सपा के पहले तीन चरणों के लिए 191 प्रत्याशियों के नाम जारी होने के बाद माना जा रहा है कि दोनों पक्षों में खटास बढ़ गई है।
दरअसल माना जा रहा है कि सपा ने जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उनमें से सात सीटें पिछली बार कांग्रेस ने जीती थीं, उन पर भी सपा ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इसको लेकर भी दोनों पक्षों में नाराजगी बढ़ गई है।
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