नई दिल्ली। मेक इन इंडिया को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार बातें
खूब कर रही है,निवेशकों का आकर्षित करने के भरसक प्रयास कर रही है लेकिन
नतीजे आते दिख नहीं रहे हैं। ऎसा इसलिए कह सकते हैं क्योंकि सात साल में
पहली बार भारत निर्मित माल की बिक्री में 3.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई
है। [ आमजन से दूर है दुनिया का तीसरा बड़ा खजाना] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इस स्थिति से निर्माण क्षेत्र में छंटनी की आशंका बढ गई है, लोगों की
नौकरियां जा सकती हैं और बैंकों के डिफॉल्टर्स की सूची लंबी हो सकती है।
जानकार लोगों का कहना है कि नोटबंदी से पहले जारी वैश्विक मंदी और कमजोर
मांग की वजह से भारत में निर्मित वस्तुओं की मांग कम हुई है। यह गिरावट
लेदर, टेक्सटाइल और स्टील सेक्टर में ज्यादा देखने को मिला है। रिजर्व बैंक
ऑफ इंडिया के आंकडों के मुताबिक साल 2009-10 में निर्माण क्षेत्र में
विकास दर 12.9 फीसदी था जो 2015-16 में घटकर 3.7 फीसदी रह गया है।
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