बीकानेर। व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा के व्यंग्य संग्रह ‘आप तो बस आप ही हैं!’ का लोकार्पण पुष्करणा भवन में वरिष्ठ नाटककार-उपन्यासकार-पत्रकार मधु आचार्य आशावादी, राजस्थान वेटेनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए. के. गहलोत, उप वन संरक्षक डॉ. शलभ कुमार, श्रीमती मोनालिसा, मुक्ति के अध्यक्ष हीरालाल हर्ष, सचिव कवि-कहानीकार राजेन्द्र जोशी एवं सूर्य प्रकाशन मंदिर के प्रशांत बिस्सा ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. गहलोत ने कहा कि बुलाकी शर्मा लेखा कार्य से जुड़े हैं और इनका कार्य लक्ष्मी की साधना को तोडऩे जैसा है जो एकाउंट में ऑबजेक्शन के रूप में देख सकते हैं। फिर भी ये साहित्य साधना करते हैं और व्यंग्य विधा की प्रतिरोधकता का भरपूर प्रयोग करते हैं। गहलोत ने कहा कि इनका कार्य व्यंग्य विधा के मार्फत देश सामज और अपने आस-पास के जगत की गलतियों को सुधारने और उन्हें ठीक करने जैसा है। विशिष्ट अतिथि उप वन संरक्षक ने कहा कि बुलाकी शर्मा पर लक्ष्मी और सरस्वती दोनों की समान कृपा दृष्टि है। वर्तमान समय में आधुनिक क्रांति ने जहां पाठकों को साहित्य से दूर किया है वहीं बुलाकी शर्मा जैसे लेखक बाल साहित्य के द्वारा नवनिर्माण का कार्य कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी नगर परियोजन में सेवारत भारतीय वन सेवा की उप वन संरक्षक श्रीमती मोनालिसा ने कहा कि रसों में हास्य रस के साथ व्यंग्य को साधन गहरी समझ की मांग रखता है। समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया ने कहा कि बुलाकी शर्मा के व्यंग्य में व्यंजना का भाव उनके कथा-अभिप्रायों और संकेतों में देखा जा सकता है। वे ऐसे व्यंग्यकार हैं, जो सांप को मारकर लाठी भी टूटने नहीं देते। मुक्ति के सचिव कवि-कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित कहानीकार बुलाकी शर्मा की इस व्यंग्य-कृति में समाज के अनेक पक्षों पर व्यंग्य की नजर पहुंचती है। इस अवसर पर मुक्ति संस्था के सहित विभिन्न संस्थाओं तथा साहित्यकारों-समाजसेवकों द्वारा बुलाकी शर्मा का सम्मान किया गया। साफा, शॉल, श्रीफल और अभिनंदन पत्र आदि भेंट किए गए। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद, श्रीमती आनंद कौर व्यास, डॉ. श्रीलाल मोहता, डॉ. उमाकांत, श्रीलाल जोशी, डॉ. वत्सला पाण्डे, राजाराम स्वर्णकार, नदीम अहमद नदीम, कासिम बीकानेरी, इसरार हसन कादरी सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेम उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि-कहानीकार राजेंद्र जोशी ने किया तथा आगंतुकों का आभार कवि कहानीकार नवनीत पांडे ने व्यक्त किया।
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