नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद अब रिजर्व बैंक ने सस्ते कर्ज की आस लगाए लोगों और इंडस्ट्री को तगड़ा झटका दिया है। बैंकिंग रेगुलेटर ने 100 फीसदी का अतिरिक्त सीआरआर लगाया है, जो 16 सितंबर के बाद जमा पर लागू होगा। इस फैसले से सिस्टम से 3.24 लाख करोड़ रुपये बाहर होंगे। हालांकि यह फैसला मोटे तौर पर नोटबंदी के बाद से जमा पर ही लागू होगा। आरबीआई ने यह कदम नोटबंदी के बाद बैंकिंग प्रणाली में आ रही अतिरिक्त नकद जमा को संभालने की दृष्टि से उठाया है। इसके तहत बढ़ी हुई जमा (इंक्रीमेंटल) पर आरक्षित नकदी अनुपात (सीआरआर) की दर से 100 फीसदी कर दी गई है। यह व्यवस्ता 26 नवंबर से शुरू होकर एक पखवाड़े तक लागू रहेगी।
रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के मुताबिक, शुदध मांग और समयबद्ध देनदारियां (एनडीटीएल) के 16 सितंबर से 11 नवंबर के दौरान बढऩे के मद्देनजर अनुसूचित बैंकों को अपनी बढ़ी हुई सीआरआर को 100 प्रतिशत पर रखना होगा। बैंक इन पैसों से बॉन्ड नहीं खरीद सकेंगे और कर्ज भी नहीं दे सकेंगे। दरअसल बॉन्ड मार्केट में गिरावट को रोकने के लिए सीआरआर बढ़ा है। वैसे रिजर्व बैंक ने कहा कि वह इंक्रीमेंटल सीआरआर की 9 दिसंबर या उससे पहले समीक्षा करेगा। नियमित सीआरआर दर चार प्रतिशत पर काया है।
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