जयपुर। एनआरएचएम में रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए
आईएएस अधिकारी नीरज के पवन और अनिल अग्रवाल को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया
है। एसीबी की पूछताछ के बाद इन दोनों अधिकारियों की ओर से दी गई दलीलों से
संतुष्ट नहीं होने पर एसीबी ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों
को अब एसीबी मेडिकल कराने के बाद मंगलवार सुबह एसीबी मामलों की विशेष अदालत
में पेश करेगी।
ब्यूरो के महानिरीक्षक वीके सिंह ने बताया कि नीरज के पवन और अनिल अग्रवाल
से सोमवार को ब्यूरो के मुख्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया
है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अधिकारियों से अब भी पूछताछ की जा रही है।
इससे पहले ब्यूरो इस मामले में दलाल अजित सोनी, लेखाधिकारी दीपा गुप्ता और
लिपिक जोजी वर्गीज को 18 मई को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों अधिकारियो समेत
चार अन्य अधिकारियों को एसीबी ने लम्बे समय से नजर रखने के बाद रिश्वत लेने
के प्रकरण में 18 मई को कार्रवाई की थी। उस दौरान तीन अधिकारियों को तो
गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन नीरज के पवन व आईईसी कम्पनी के डायरेक्टर
अनिल अग्रवाल की गिरफ्तारी नहीं की गई थी।
नीरज के पवन कृषि विभाग में आयुक्त एवं पदेन विशिष्ठ शासन सचिव के पद पर
कार्यरत थे। वहीं अनिल अग्रवाल परियोजना निदेशक- एनएचएम,जयपुर में अतिरिक्त
निदेशक के पद पर थे। नीरज के पवन 4 फरवरी 2016 से पहले 13 जनवरी, 2014 से
12 फरवरी 2016 तक नेशनल हेल्थ मिशन के एडिशनल डायरेक्टर और मेडिकल हेल्थ के
संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत रहे।
एनआरएचएम टेंडर मामले में एसीबी ने हाल ही नीरज के पवन के ठिकानों पर छापे
मारे थे। एसीबी ने खुलासा किया कि आईएएस नीरज ने दलाल के जरिए नियमित रूप
से कैश ही नहीं चैक से भी रिश्वत की राशि ली। उनके खिलाफ कुछ महीने पहले
एनआरएचएम में करप्शन की शिकायत की गई थी।
ऎसे खुला मामला..
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