• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

कई बीमारियों को दूर करता है यह औषधीय पौधा

Put cinnamon plant became self-sufficient farmer: vikram - Himachal Bilaspur News in Hindi

बिलासपुर। दालचीनी के पौधे को लगाकर किसान अन्य फसलों के साथ अपनी घासनियों व किनारे की भूमि में पैसा कमा सकते हैं। यह बात भारत सरकार वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत गठित केंद्रीय कॉफी बोर्ड के निदेशक डा. विक्रम शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि समय व बीमारियों के बढऩे के कारण दालचीनी की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसलिए हिमालयी क्षेत्र में इस पौधे को उगाने के सफल प्रयास करके किसान प्रदेश के साथ देश की आर्थिक व्यवस्था व सामाजिक सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि दालचीनी के पौधे बरसात के दिनों में लगाये जा सकते हैं। जिसमें इन्हें आप अन्य फसलों के साथ या फिर बंजर भूमि और पेड़ों के साथ उगा सकते हैं। डा. शर्मा ने बताया कि दालचीनी हिमालयन पारिस्थितिकी व परिवेश में एक पूर्णतया सफल पौधा है जिसे किसान बागवान बे-झिझक उगा के अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं। डा. विक्रम ने किसानों बागवानों और युवाओं से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग प्रदेश व देश हित के साथ आत्म स्वावलम्बन में एकजुट हो जाएं तथा दलगत राजनीति से उठकर प्रदेश व देश हित में काम करें। डा. शर्मा ने कहा कि वह प्रदेश व हिमालयी क्षेत्र पर अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश में लगे हैं ताकि बंजर कहा जाने वाला क्षेत्र मात्र पांच सालों में वाणिज्यिक कृषि क्षेत्र में विश्व मानचित्र पर अपना परचम लहराए तथा पढ़े लिखे युवाओं को इधर-उधर भटकना न पड़े।
डा. शर्मा ने कहा कि उन्होंने हींग के बीज को हिमाचल प्रदेश में उगाने के लिए विदेशों से संपर्क बनाया हुआ है तथा जल्द ही इसे प्रदेश के निचले व मध्य हिस्से के कृषकों को उपलव्ध करवा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दालचीनी की प्रयोगात्मक कृषि हिमाचल प्रदेश के निचले हिस्से में उन्होंने करीब 16 साल पहले अपने खेतों में बिलासपुर के गांव मँझोटी में शुरू की थी। डा. शर्मा ने बताया कि दालचीनी सीधे तौर पर मधुमेह, दिल की धमनियों की रुकावट, दिमाग की आपक्षेपक अवस्था, शरीर की नसों की रुकावट, नपुसंकता, आंखों की रोशनी का नजर कम होना, एनजाइना व पेट की कई तरह की बीमारियों को खत्म करने की क्षमता रखती है। सिनेमन पौधे के छिलके से तैयार होती है दालचीनी सिनेमन नामक पौधे के छिलके से तैयार की जाती है। ज्यादातर दालचीनी दक्षिण भारत या फिर सीलोन बर्मा से मंगवाई जाती है। दालचीनी की सबसे बढिय़ा प्रजाति सीलोनी दालचीनी के नाम से व दूसरी प्रजाति कैसिया सिनेमन नाम से जानी जाती है।
दालचीनी का पौधा करीव 4 से 7 फीट तक ऊँचा व झाडी नुमा होता है जिसे किसी भी प्रकार से किसी भी जानवर से कोई खतरा नहीं होता। करीब 5 से 7 साल में दालचीनी की छाल निकलने के लिए तैयार हो जाता है। इसकी छाल की आजकल बाजार में कीमत करीब पांच सौ से सात सौ रुपये प्रति किलो है। दालचीनी के पौधे को व्यर्थ पड़ी भूमि पर भी तैयार किया जा सकता है। दालचीनी का पौधा पर्यावरण संरक्षण में भी बहुत लाभदायक है तथा कई प्रकार की वायरस व बैक्टेरिया को वायु में ही खत्म करने की क्षमता भी रखता है। दालचीनी कई बीमारियों को खत्म या कम करने की भी क्षमता रखती है जिनमें इसका छिलका या फिर तेल प्रयोग किया जाता है।

[@ जात-पात को तोड 22 युवा विवाह बंधन में बंधे]

[@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]

यह भी पढ़े

Web Title-Put cinnamon plant became self-sufficient farmer: vikram
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: cinnamon, plant, became, self-sufficient, farmer, bilaspur news, himachal news, , hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, himachal bilaspur news, himachal bilaspur news in hindi, real time himachal bilaspur city news, real time news, himachal bilaspur news khas khabar, himachal bilaspur news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

हिमाचल प्रदेश से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved