भरतपुर। 24वें राजस्थानी प्रौढ़ शिक्षा सम्मेलन की तैयारियों को लेकर राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति जयपुर ने तैयारियां तेज कर दी है। 11 फरवरी से 13 फरवरी तक होने वाले इसके आयोजन को लेकर समिति अध्यक्ष राजेंद्र भाणावत ने बताया कि आज शिक्षा का उद्देश्य असाक्षरों को साक्षर बनाना नहीं है। बल्कि शिक्षा मनुष्य के जीवन को बेहतर बनाने का सूत्र बताती है। शिक्षा अपनी महान एवं जीवन्त संस्कृति से परिचित कराते हुए उसे युगानुरूप जीवन जीना सिखाती है। इसके लिए त्रिसूत्री फाॅर्मूला अपनाने का सुखद संदेश देती है। वह हैं - सत्यं वद, धर्मं चर और प्रियं सदं वदं। भाणावत के अनुसार इस त्रिदिवसीय सम्मेलन में देशभर के वरिष्ठ शिक्षाविद्, साक्षरता और प्रौढ़ शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञ और साहित्यकार भाग लेंगे। जो कि एक परिसर में रहकर सघन रूप से चिंतन मनन करेंगे। इस अवसर पर स्मारिका का भी प्रकाशन किया जा रहा है। इस अवसर पर राजस्थान प्रौढ शिक्षण समिति के सचिव राजेन्द्र बोडा, निदेशक राजवीर सिंह चैधरी, जिला प्रौढ एवं सतत शिक्षा समिति, भरतपुर के अध्यक्ष डाॅ दाऊदयाल गुप्ता, उपाध्यक्ष गोपाल प्रसाद मुद्गल, सचिव राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, राज संदर्भ केन्द्र जयपुर के निदेशक सुधांशु मोहन जैन, संयुक्त सचिव अमित कुमार और हिन्दी साहित्य समिति के अध्यक्ष मोहन बल्लभ शर्मा आदि उपस्थित थे। [@ Punjab election 2017: अकालियों से कौन भिड़ेगा -सिद्धू या कैप्टन]
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