कोटा। राजस्थान में गंगा के रूप में पहचान रखने वाली चंबल नदी का पानी इन दिनों जलचरों के लिए मुसीबत बना हुआ है। ऐसे ही एक मामला फिर से कोटा में सामने आया है। कोटा के नयापुरा में रियासतकालीन पुलिया के दोनों ओर हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हो गई। इसके अलावा कई मछलियां जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। पुलिया पर फैली दुर्गंध के कारण राहगीरों को मछलियों की मौत होने का पता चला। मामले की जानकारी मिलने के बाद चंबल बचाओ आंदोलन संघर्ष समिति के अध्यक्ष राकेश शर्मा और पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और जिला प्रशासन के लचर रवैये को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। पर्यावरण प्रेमियों और समिति के सदस्यों का आरोप था कि चंबल पुलिया दोहरीकरण का कार्य पूरा होने के बाद नदी के पानी के बहाव में बाधक बन रहे पत्थरों को नहीं हटाया गया। इसके साथ ही नदी के शुद्ध पानी में सीवरेज और गंदगी डालने का क्रम लगातार जारी है। इसके कारण चम्बल का पानी जहरीला होता जा रहा है। पिछले साल भी अक्टूबर माह में इसी जगह पर मछलियों के मरने की घटना हुई थी। प्रदूषण विभाग ने पानी की सैम्पलिंग के बाद मछलियों की मौत का कारण गंदा पानी बताया था। लोगों ने चंबल शुद्धिकरण के लिए प्रोजेक्ट बनाने की मांग की है।
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