जोधपुर। आए दिन दहेज प्रताडऩा के मामले सामने आते हैं लेकिन, जोधपुर में एक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जालोरियों का बास रामचौक निवासी देवेन्द्रसिंह ने मौत को गले लगा लिया लेकिन, जाते जाते मौत की वजह भी बता गया। देवेन्द्र ने 15 पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी 28 नवम्बर 2014 को काजल से शादी हुई थी। दोनों के बीच शुरू से ही अनबन रही। 1 मई को दोनों के पुत्र हुआ था। देवेन्द्र ने पत्नी काजल, सास, साला व मामा ससुर सुरेन्द्रसिंह परिहार को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उसका आरोप है कि जिस फंदे से वह लटका था, वह फंदा सास ने ही दिया था। उसका आरोप है कि शादी के बाद से पत्नी उसे प्रताडि़त करती थी। वह आए दिन रुपए मांगने के साथ मकान का पट्टा अपने नाम करवाने की मांग करती थी। एसआई झूमरराम के अनुसार देवेन्द्र के कमरे से बाहर नहीं आने पर पिता ने उसे आवाज लगाई, लेकिन जवाब नहीं मिला। पड़ोसियों ने धक्का देकर कमरे का दरवाजा खोला तो देवेन्द्र रस्सी के फंदे से पंखे के हुक पर लटक रहा था। पुलिस मौके पर पहुंची और शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया, जहां पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंपा गया। तीन बहनों के बीच देवेन्द्र एकमात्र भाई था और परिवार का एकमात्र सहारा था। वह मोबाइल की एक दुकान पर काम करके गुजर-बसर कर रहा था। बहनों की शादी हो चुकी है। उधर, इससे पहले पुलिस कमिश्नर को पेश परिवाद के आधार पर 13 अक्टूबर को मृतक की पत्नी काजल ने महिला थाना (पूर्व) में पति देवेन्द्र, ननद अंजू, गुडिय़ा, पीयूष, पूनम, रामप्रताप व चंचल के खिलाफ प्रताडऩा का मामला दर्ज कराया था। जांच अधिकारी उप निरीक्षक शम्भूसिंह ने पति को दोषी माना था व गुरुवार को उसके खिलाफ चालान पेश किया जाना था। आत्महत्या का पता लगते ही मोहल्लेवासी मोर्चरी के बाहर जमा होने लग गए और रोष जताकर काजल और उसके सहयोगियों पर कार्रवाई करने का जोर दिया। बहरहाल पुलिस मामले जांच कर रही है।
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