उदयपुर। यहां आयोजित दीपावली मेला मनोरंजन के बजाय हंगामे का मेला बन चुका है। मेले में गुरुवार देर रात आयोजित कवि सम्मेलन में भी जमकर हंगामा हुआ। जिसके चलते आयोजकों को हजारों दर्शकों के सामने नीचा देखना पड़ा। हंगामे के बीच निगम के पार्षदों में जमकर धक्का-मुक्की और मारपीट हुई। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया। दरअसल कवि सम्मेलन में इंदौर के कवि मुकेश मोलवा ने अपनी कविता में सामजिक टिप्पणी करते हुए व्यंग्य कसा था। उसके बाद निगम के नेता प्रतिपक्ष मोहसिन खान ने आपत्ति दर्ज कराते हुए विरोध किया। उन्होंने कवि से मंच के पास जाकर धमकी भरे लहजे में बात की। मोहसिन के समर्थन में समुदाय विशेष के अन्य पार्षद एवं लोग भी उतर आए और कवि सम्मेलन में हंगामा शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख भाजपा के पार्षदों ने उन्हें शांत करने का प्रयास भी किया, लेकिन देखते ही देखते कवि सम्मेलन का माहौल गरमा गया। समुदाय विशेष के पार्षदों के इस हंगामे के विरोध में वहां मौजूद भीड़ खड़ी हो गई। बाद में विरोध कर रहे पार्षदों को पुलिस घेरे में वहां से बाहर निकालकर पुलिस की गाड़ी में घर तक छोड़ा गया। इस पूरे मामले को लेकर पार्षद मोहसिन खान का कहना था कि वह सामाजिक टिप्पणी का विरोध कर रहे हंै। बता दें कि 3 दिन पूर्व भी मेले में ‘कुमार शानू नाइट’ के दौरान वीआईपी दीर्घा में बैठने को लेकर छात्र नेता और पुलिस में विवाद हो गया गया था। इसके बाद पुलिस ने छात्र नेता ध्रुव श्रीमाली की जमकर धुनाई की थी।
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