टोंक। अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने कहा है कि किसानो को विकसित की गई तकनीकी के बारे में पूरा ज्ञान देना चाहिए जिससे देश का किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके। प्रधानमंत्री का भी यही सपना हैं कि देश का किसान आत्मनिर्भर हो और यह तभी संभव हैं जब किसानोंं की आय में दो गुना वृद्धि होगी। अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र रविवार को जिले के केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में संस्थान के विभिन्न प्रयोगशालाओं, सेक्टरो व अनुसंधान भवनो का अवलोकन के बाद केन्द्रीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि वैज्ञानिक अपने कार्यो में तब ही उत्तरोतर सुधार कर सकते हैं जब किसानो के बीच जाकर उनकी समस्याऐं सुनेगें और किसानो की समस्याओं का समाधान अनुसंधानो के जरिए आधुनिक तकनीक से करेगें। [@ खबर का असर : बगड़ मामले में मनन चतुर्वेदी ने लिया प्रसंज्ञान] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उन्होंने कहा कि किसानो का दुख दर्द सुनने से जो ज्ञान मिलता है वह ओर कहीं नहीं मिल सकता है। देश का किसान परेशान और त्रस्त है ,वैज्ञानिको को किसानो को हर प्रकार राहत देने एवं उनके विकास में हर प्रकार से सहयोग देने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। डॉ. महापात्र ने कहा कि केन्द्र सरकार और परिषद किसानो के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है जिसमें सभी को सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने संस्थान के उत्पादो को जन -जन तक पहूुुंचाने के लिए क्षेत्र के किसी युवा को उद्यमी का दर्जा दिलाकर उससे सहयोग प्राप्त करें और संस्थान के उत्पादो का वाणिज्यिक तरीके से इस्तेमाल करने की योजना तैयार करें।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान निदेशक डा. एस.उम.के. नकवी ने संस्थान के 56 वर्ष की विकास यात्रा को प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रारम्भ में संस्थान में वैज्ञानिक आने से कतराते थे और संस्थान से दूरिया बनाने का प्रयास करते थे। लेकिन केन्द्र सरकार एवं परिषद के सहयोग से संस्थान का विकास हुआ, संस्थान में सभी प्रकार की सुविधाऐं मिलने लगी तो बाहर से वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए आने लगे और आधुनिक तकनीक से अनुसंधान कर क्षेत्र के किसानो के विकास में भागीदार बनने लगे। परिषद महानिदेशक के सामने संस्थान की मुख्य समस्या को रखते हुए निदेशक डॉ. नकवी ने कहा कि संस्थान से कई वैज्ञानिक, अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत होने से कई पद रिक्त हैं जिससे कई परेशानियो का सामना करना पड़ता है इसलिए इस समस्या के समाधान के लिए परिषद नई भर्ती की प्रक्रिया प्रारम्भ कर संस्थान को राहत देने का प्रयास करें। समारोह को उप महानिदेशक डॉ. ए. रहमान ने भी सम्बोधित किया। समारोह के दौरान संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा विकसित खाद सहित अन्य प्रकाशनो का विमोचन किया गया।
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