नई दिल्ली। डिग्री मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री स्मृति
ईरानी को राहत देते हुए उनके खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने देरी
के आधार पर उनके खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में यह मांग
की गई थी कि ईरानी ने चुनाव आयोग को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में
कथित तौर पर झूठी जानकारी दी थी इसलिए उनका निर्वाचन रद्द करने के साथ ही
कानूनी कार्रवाई की जाए। स्मृति के खिलाफ शिकायत में आरोप लगाया गया था कि
उन्होंने विभिन्न चुनाव लडऩे के लिए चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामों में
अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत सूचनाएं दीं।
मेट्रोपॉलिटन
मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने शिकायतकर्ता और स्वतंत्र लेखक आहमेर खान की ओर
से दी गई दलीलें सुनने और चुनाव आयोग एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से
स्मृति की शैक्षणिक डिग्रियों के बारे में सौंपी गई रिपोर्टों के बाद आदेश
सुरक्षित रख लिया था।
मंगलवार की सुनवाई में उन्होंने ईरानी को समन भेजने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा, पहली बात ये कि असली दस्तावेज समय के साथ खो गए हैं और
उपलब्ध दस्तावेज मंत्री को समन भेजने के लिए काफी नहीं हैं। कोर्ट ने
इसमें शिकायतकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की
शिकायत करने में 11 साल लग गए यानी जाहिर है कि मंत्री को परेशान करने की
मंशा से शिकायत की गई।
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