जयपुर। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने राजस्थान की परवन बहुउद्देेशीय सिंचाई परियोजना एवं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने की मांग की है, ताकि राजस्थान में सिंचाई एवं पेयजल की समस्याओं का त्वरित निदान किया जा सके। शेखावत बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय वित मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित पूर्व बजट बैठक में राजस्थान का पक्ष रखते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य के प्रमुख वित्त सचिव पी.एस.मेहरा भी मौजूद थे।
शेखावत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य की परवन नहर परियोजना एवं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया जाए। परवन नहर परियोजना से राज्य के झालावाड़, बारां और कोटा जिलों के करीब 800 गांवों को पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ 2.06 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि परवन नहर परियोजना के अंतर्गत 462 मिलियन क्यूबिक पानी की क्षमता वाले 2435.93 करोड़ की लागत से बनने वाले बांध की स्वीकृति केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में प्रदान कर दी गई थी, जिसके कार्य को राष्ट्रीय महत्व की घोषणा होने पर गति दी जा सकेगी। शेखावत ने राज्य की पूर्वी नहर परियोजना को भी राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा प्रदान करने की मांग रखते हुए कहा कि राजस्थान जैसे भौगोलिक विविधताओं वाले राज्य में इंटर बेसिन जल अंतरण के कार्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि उक्त संकल्पना के तहत ही पूर्वी राजस्थान की चंबल नदी बेसिन के अतिरिक्त पानी को पश्चिमी राजस्थान के जल अभाव वाले जिलों तक पहुचाने के लिए बहुप्रतीक्षित पूर्वी राजस्थान नहर बनाने का कार्य किया जाना है, इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को सहयोग प्रदान करते हुए राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया जाना चाहिए।
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