अभिषेक मिश्रा, लखनऊ। कहते हैं नवाबी शहर की नजाकत ही कुछ और है। पर ये क्या? सफाई की परीक्षा में लखनऊ नगर निगम अभी तक टॉप टेन में भी स्थान नहीं बना पाया है। यही नहीं यूपी का कोई भी
शहर टॉप टेन में नहीं है। चार जनवरी से
स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे अधूरी तैयारियों के बीच शुरू हुआ है। देश भर के 500 शहरों के बीच स्वच्छता रैंकिंग के लिए लखनऊ नगर निगम की भी
परीक्षा है। इस रैंकिंग में शहर में स्वच्छता और स्वच्छता बरतने के तौर तरीकों का
सर्वे में नंबर दिए जाने
हैं। यह रैंकिंग दो हजार अंकों की होगी जिसमें 45 प्रतिशत नंबर डॉक्यूमेंटेशन, 25 प्रतिशत फील्ड ऑर्ब्जवेशन और 30 प्रतिशत अंक नागरिकों के फीडबैक से मिलेंगे। नागरिकों से फीडबैक की अंतिम तारीख 12 फरवरी को समाप्त हो गई थी लेकिन शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने फीडबैक के लिए
अंतिम तारीख बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी है। रैंकिंग का परिणाम मार्च में जारी होगा। [# अमेठी में अब रानी v/s रानी के बीच होगी चुनावी जंग, हुआ कानूनी फैसला] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
12 फरवरी तक 435 शहरों
से 6,94,867 नागरिकों ने फीडबैक दिया है। स्वच्छता ऐप व मिस्ड कॉल 1969 के जरिए नागरिक फीडबैक दे सकते हैं। अभी तक प्राप्त फीडबैक रिकॉर्ड के अनुसार टॉप टेन
शहरों में लखनऊ का नाम नहीं है। अधिकतम फीडबैक वाले शहरों में पहले नंबर पर
विशाखापट्टनम, दूसरे पर ग्वालियर, तीसरे पर इंदौर, चौथे पर मैसूर, पांचवें पर ग्रेटर हैदराबाद, छठवें पर वारांगल, सातवें पर जबलपुर, आठवें पर भोपाल, नवें पर रांची तथा दसवें नंबर पर चंड़ीगढ़ नगर निगम का नाम शामिल
हैं।
इन शहरों में नागरिकों से सबसे अधिक फीडबैक प्राप्त हुए हैं। हालांकि उत्तर
प्रदेश के 10 जिलों में 1000 से अधिक सिटीजन फीडबैक के तहत की गई शिकायतों का निस्तारण किया
गया है। इन शहरों में आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, बुलंदशहर व एटा शामिल हैं।
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