भिवानी। धनाना गांव में आरक्षण मामले को लेकर धरना लगातार 25वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान आंदोलनकारी जाट नेताओं ने सरकार द्वारा गठित कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पॉवरलेस कमेटी से उन्हें कोई उम्मीदें नहीं है। उन्होने कहा कि सरकार के मुखिया को जुमलेबाजी करने की बजाय खुद यशपाल मलिक से बात करने में क्या आपत्ति है। बता दें कि 25वें दिन भी धरने की अध्यक्षता राजमल सूबेदार ने की। जाट आंदोलनकारियों ने 25वें दिन भी केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाट आंदोलनकारियों का कहना है कि ये धरने अनिश्चितकालिन हैं, जो अपना हमारा हक मिलने तक जारी रहेंगे। [# देह व्यापार करने वालों की अब खैर नहीं....] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
जाट नेता राजमल सूबेदार व दिवान सिंह जाखङ ने बताया कि आंदोलन के दौरान हमारे 21 युवा नौकरी या मुआवजे के लिए नहीं बल्कि आरक्षण लेने के लिए शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर सरकार की नीयत में भारी खोट है। उन्होने कहा कि सरकार उनके साथ जुमलेबाजी कर कभी कमेटी तो कभी आयोग गठित कर रही है। लेकिन ये आयोग व कमेटी पॉवरलेस हैं, जिनसे अब उन्हे कोई उम्मीद नहीं रही।
जाट आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार कह रही है कि सीबीआई द्वारा या गंभीर आरोप के मामले वापस नहीं ले सकते। जबकि सरकार चाहे तो एक दिन में बङे से बङे मामले वापस लेकर जेल में बंद युवाओं को रिहा कर आरक्षण दिया जा सकता है। उन्होने कहा कि सरकार उनके साथ जुमलेबाजी ना कर जल्द उनकी मांग पूरी करे। साथ ही ऐलान किया कि सरकार मुखालफते में ना रहे कि वो एक दो महिने में धरने उठा कर घर चले जाएंगे। बल्कि हक मिलने तक सालों साल भी धरनों पर बैठे रहेंगे।
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