झज्जर। दिसम्बर व जनवरी में रात के समय हाड़ कंपकंपा देने वाली भीषण ठंड में जिनके पास सिर छुपाने को घर है वो तो रात को चैन की नींद सो लेते हैं, लेकिन मुसीबत उन लोगों को झेलनी पड़ रही है जिनके सिर पर छत नहीं है। उनके लिए भीषण सर्दी में रात काटना किसी आफत से कम नहीं होता। [@ शादीशुदा सरपंच बना मजनूं, महिला के साथ बातचीत की ऑडियो हुई वायरल]
बेसहारों को अब जिला प्रशासन ने रैडक्रॉस की मदद से रैन बसेरे की सुविधा प्रदान की है। यह रैन बसेरा दिल्ली गेट स्थित सामुदायिक केन्द्र में बनाया गया है। इस समय जिस प्रकार से भीषण ठंड अपना असर दिखा रही है, उससे बेघर लेगों को काफी कठिनाई झेलनी पड़ रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला उपायुक्त के मार्ग दर्शन में रैड क्रॉस सोसायटी ने रैन बसेरा बनाया है। बेसहारा लोगों को रात के समय ठंड से बचाने के लिए रैडक्रॉस सचिव महेश गुप्ता ने अपनी टीम के साथ उन बेघरों को सहारा देने की योजना बनाई, जो भीषण रात में सडक़ों के किनारे रात बिताने पर मजबूर थे। दिल्ली गेट सामुदायिक केन्द्र में बनाए रैन बसेरे में अभी पलंग, रजाई, गद्दे, तकियों के अलावा प्रर्याप्त कम्बलों का भी प्रबंध किया गया है।
गौरतलब है कि शहर में कुछ लोग ऐसे थे, जो बिना रैन बसेरा के कोहरे की ठंड भरी रात सडक़ पर एक कम्बल के सहारे गुजारने पर मजबूर थे। इन दिनों जिस प्रकार से ठंड रात के समय अपना रोद्र रूप दिखा रही है उससे खुले आसमान के नीचे रात बिताने वाले लोगों की जान पर भी बन सकती है। सर्दी बेसहारा लोगों के लिए आफत लेकर आती है। बेसहारा लोगों का दिन तो जैसे तैसे कट जाता है। लेकिन रात होते ही मानों उन पर परेशानी का पहाड़ टूटने लगता है। कोहरे से भरी सुनसान रात में वे किसी दुकान या मकान के बाहर निकले छज्जे के नाचे सोने का प्रयास करते हैं। एक ही कम्बल उनका सहारा होता है। रैन बसेरा में आए लोगों का कहना है कि सर्दी में रात को खुले आसमान के नीचे सोने की बात सोचकर ही डर लगने लगता है। लेकिन मजबूरी है क्योंकि नींद भी जरूरी है। लेकिन अब बेघरों के लिए रैडक्रास ने रैन बसेरा का प्रबंध करके उन्हें भारी राहत दी है।
रैड क्रॉस सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि दिल्ली गेट पर बनाए गए रैन बसेरा में पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग कमरों का प्रबंध किया गया है। गुप्ता ने बताया कि बेघरों को रैन बसेरा में कोई असुविधा न हो, इसके लिए रात के समय भी एक कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। टीम में अश्विनी मिश्रा, डॉ. अशोक वर्मा, पवन कुमार, विनोद कुमार, ओमप्रकाश, रणबीर सिंह शामिल है। उन्होंने बताया कि रैन बसेरा की सूचना के लिए सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स भी लगाए गए है। गुप्ता ने बताया कि रजाईयों के अतिरिक्त काफी संख्या में कम्बल भी रखे गए है। गुप्ता ने बताया कि रैन बसेरे को लेकर शहर के सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि रात होते ही उनके नेतृत्व में रैडक्रॉस कर्मचारियों की एक टीम रात के समय शहर के विभिन्न स्थानों का दौरा करती है। शहर के जिस स्थान पर भी अगर कोई व्यक्ति बेसहारा हालत में दिखाई देता है तो टीम के सदस्य उसे रैन बसेरा तक लाते है।
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