कानपुर। रेलवे ट्रैक पर उस समय एक नवजात शिशु मिला जब पुष्पक ट्रेन वहां से
गुजरी। पास में बकरी चराने वाले दो चरवाहों ने इसकी सूचना तत्काल जीआरपी को दी।
जिसके बाद दोनों हमदर्द चरवाहे व जीआरपी सब इंस्पेक्टर ने उसे कानपुर डफरिन
अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डाक्टरों ने एक बार फिर संवेदनहीनता का परिचय
दिया। [ श्याम मसाले ने कराई घर घर में मौजूदगी दर्ज] [ यहां मरने के बाद भी होती है शादी, मंडप में दूल्हा-दुल्हन...] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
कानपुर
लखनऊ ट्रैक पर शुक्लागंज क्रासिंग के पास सुबह नौ बजे पुष्पक डाउन गाड़ी धड़धड़ाते
हुई गुजरी। गाड़ी के निकलते ही ट्रैक पर एक नवजात शिशु दिखाई दिया। जिसे पास में
बकरी चरा रहे चरवाहे लाला व भूरी ने गोद में उठाकर तत्काल जीआरपी शुक्लागंज को
सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शिशु की हालत को देख सब इंस्पेक्टर जीतेन्द्र
सिंह को कानपुर डफरिन अस्पताल ले जाने को कहा। चरवाहों व पुलिस ने संवेदना दिखाते
हुए आनन-फानन में डफरिन अस्पताल पहुंच गये। लेकिन यहां के डाक्टरों ने संवेदनहीनता
की सारी हदे पार कर दी। लगभग दो घंटे तक चरवाहों व सब इंस्पेक्टर शिशु को लेकर
इधर-उधर भटकते रहे लेकिन कोई भी डॉक्टर इलाज करने के लिए तैयार नहीं हुआ। जिसके
बाद कुछ मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर डाक्टरों की कान में जूं रेंगी और आनन-फानन
में शिशु को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। जीतेन्द्र सिंह ने
बताया कि डफरिन के डॉक्टर बार-बार यह दबाव बना रहे थे कि शिशु को उर्सला या हैलट
ले जाओ।
डॉक्टर का कहना
डफरिन अस्पताल के डॉक्टर संजीव ने बताया कि जैसे ही मुझे जानकारी मिली तो तत्काल
शिशु का इलाज शुरू कर दिया गया। शिशु के सिर व पीठ पर चोट है, फिलहाल उसकी हालत
खतरे से बाहर है। जब उनसे पूछा गया कि दो घंटे तक शिशु अस्पताल में तड़पता रहा तो
कहा कि इसकी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की
जाएगी।
चरवाहे ने काटी नाभी
बकरी चरा रही चरवाहे भूरी ने बताया कि शिशु जिस हालात में मिला है उससे यह अंदेशा
है कि ट्रेन के शौचालय में किसी महिला का प्रसव हुआ है। शिशु की नाभी लगी हुई थी
जिसे पास की दुकान से ब्लेड लेकर स्वयं काटा। भूरी ने कहा कि मैं इस बच्चे को गोद
लेना चाहती हूं।
कंट्रोल रूम को दी गई जानकारी
सब इंस्पेक्टर जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि नवजात शिशु की स्थिति को देखते हुए यह
कहा जा सकता है कि यह शिशु ट्रेन में किसी पैसेंजर का है। इसी के चलते जीआरपी
कंट्रोल को पूरी जानकारी दे दी गई है। बताया कि अभी तक किसी भी पैसेंजर ने शिशु के
विषय में सूचना नहीं दी है।
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