गणेश दुबे, लखनऊ। देश
की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी में पिछले कुछ महीनो से उपजा विवाद आज बिखराव
के करीब तक पहुँच गया ख़ास बात तो यह है कि इस सारे विवादों के बीच किसी को अपने
सैफ़ई की सुध नहीं आई की यहाँ इतनी ख़ामोशी क्यों छाई है? सैफ़ई
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह का पैतृक गांव है, जहां कल तक लोग
मुलायम, अखिलेश, रामगोपाल, शिवपाल और
समाजवादी पार्टी की चर्चा करते नहीं अघाते थे। इस परिवार के लिए जान न्योछावर करने पर
आमादा रहते थे आज उसी सैफ़ई के बुज़ुर्ग से लेकर युवा तक अपनी ज़ुबान खोलने को
तैयार नहीं है। जहां मुलायम, शिवपाल और अखिलेश के एकसाथ ज़िंदाबाद के
गगनभेदी नारे लगाये जाते थे आज उसी सैफई में सभी खामोश हैं।
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