नई दिल्ली। यूपी में यादव परिवार और समाजवादी पार्टी में फूट के चलते
राजनीतिक दलों की निगाहें नई संभावनाओं पर टिक गई हैं और विधानसभा चुनाव को
लेकर नए समीकरण बनने लगे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव गुट से जुडने की इच्छा जताई है।
एनसीपी उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित महागठबंधन का हिस्सा बनने की इच्छुक
है। एनसीपी ने कहा है कि वह समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव धडे के
बजाए उनके पु़त्र अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले धडे को चुनेगी।
एनसीपी के महासचिव तारिक अनवर ने कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव की अच्छी छवि है। इससे प्रस्तावित महागठबंधन को भाजपा को पराजित करने
में काफी सहायता मिलेगी।
तारिक अवनवर का कहना है कि अखिलेश यादव की छवि से
महागठबंधन को काफी मदद मिलेगी। लोगों ने उन्हें पार्टी के चेहरे के रूप में
स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकता भाजपा को हराने के
लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, जनता दल-यू और राष्ट्रीय लोक दल का
महागठबंधन बनाने की है।
एनसीपी की सपा के नेतृत्व में महागठबंधन में शामिल होने की मंशा साफ करते
हुए तारिक अनवर ने कहा कि राकांपा इसका हिस्सा बनेगी। अगर हम उत्तरप्रदेश
जैसे राज्य में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकते हैं तो इसका पूरे देश में
स्पष्ट संदेश जाएगा।
तारिक अनवर ने कहा, चूंकि 80 प्रतिशत विधायक अखिलेश के साथ हैं, तो उनकी
समाजवादी पार्टी असली है। हम उनके साथ जाएंगे। उत्तरप्रदेश में 403 सदस्यीय
विधानसभा में एनसीपी के एकमात्र विधायक फतेह बहादुर हैं। एनसीपी नेता ने
कहा कि कई स्थानों पर हमारे उम्मीदवार दूसरे या तीसरे स्थान पर आए हैं।
इसलिए हम 20 से 25 सीट चाहेंगे।
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