चंडीगढ़। हरियाणा में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने और इनके पाठयक्रमों को
उद्योगों की मांग के समतुल्य बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में
स्थापित किए जा रहे नए बहु तकनीकी संस्थानों को अग्रणी औद्योगिक घरानों के
सहयोग से सार्वजनिक निजी भागीदारी विधि में संचालित करने का निर्णय लिया
है। इससे विद्यार्थियों को उद्योगों की आवश्कतानुसार शिक्षित करना और
उन्हें शतप्रतिशत रोजगार मिलना सुनिश्चित होगा।
इसके अतिरिक्त, अपनी पसंद के निजी तकनीकी संस्थानों में शिक्षा प्राप्त
करने के इच्छुक मेधावी गरीब विद्यार्थियों के लिए एक नई योजना भी तैयार की
जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत फीस की प्रतिपूर्ति की
जाएगी जबकि शेष राशि संस्थान द्वारा अपने निगमित सामाजिक दायित्व के तौर
पर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई तकनीकी शिक्षा
विभाग की एक बैठक में ऐसे अनेक निर्णय लिए गए। बैठक में तकनीकी शिक्षा
मंत्री राम बिलास शर्मा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए बहुतकनीकी
संस्थानों के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त स्टाफ भी स्वीकृत किया जाएगा।
मनोहर लाल ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रतिष्ठिïत
औद्योगिक घरानों को समितियां बनाकर इन बहुतकनीकी संस्थानों को संचालित करने
के लिए आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां राज्य सरकार इन संस्थानों
के लिए आधारभूत संरचना एवं भवन उपलब्ध करवाएगी वहीं इनका संचालन इन
समितियों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति का अध्यक्ष औद्योगिक
घराने से होगा और पंचायती राज संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए
संबंधित जिला परिषदों के प्रधानों को इनका सदस्य बनाया जाएगा। राज्य सरकार
द्वारा इन बहुतकनीकी संस्थानों को आवश्यकतानुसार सहायतानुदान भी उपलब्ध
करवाया जाएगा।
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