नई दिल्ली। मंदसौर में गोमांस रखने के शक में दो महिलाओं की पिटाई पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पद की गरिमा को हल्का करने वाला बयान दिया है। मंत्री ने इस पूरे मामले में जांच कराने की बात कहते हुए कहा, यह छोटी धक्का-मुक्की हो सकती है। ऐसी घटना एक स्वाभाविक जनाक्रोश था, इंटेशनली नहीं किया गया।’ इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए।
वहीं, मध्य प्रदेश के मंदसौर में बीफ के शक में अल्पसंख्यक समुदाय की दो महिलाओं की पिटाई का मामला बुधवार को संसद में भी गूंजा। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गोरक्षा की आड़ में किसी खास धर्म को निशाना बनाना सही नहीं है। राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा, हम गोरक्षा के खिलाफ नहीं हैं। हम कहते हैं कि गोरक्षा होनी चाहिए लेकिन गोरक्षा की आड़ में दलितों और मुसलमानों को निशाने पर लिया जाए, ये हमें मंजूर नहीं। वहीं खबर यह भी है कि जिन महिलाओं की पिटाई की गई, उन महिलाएं के पास गोमांस था ही नहीं। मामला सामने आने के बाद अब पुलिस अपने बचाव में यह कह रही है कि उनके पास न तो पिटाई की सूचना है और ना ही महिलाओं ने पिटाई की शिकायत की है।
गौरतलब है कि मंदसौर स्टेशन पर दो महिलाओं की कथित हिंदू संगठन के कार्यकर्ता ने पिटाई कर दी थी। इन महिलाओं की पिटाई उनके पास गोमांस होने के शक में की गई थी। बाद में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इन महिलाओं के पास 30 किलो मांस था, जिसके बारे में कहा गया कि यह गोमांस है, लेकिन अब जांच में पाया गया कि यह गोमांस नहीं था। मंदसौर के टीआई शहर कोतवाली, एमपी सिंह परिहार ने कहा कि महिलाओं के पास 30 किलो मांस पाया गया, जो जांच में भैंसे का पाया गया। इस मामले में, धारा 4,5,6 (गोवंश वध अधिनियम) के तहत 2 गिरफ्तारी हुई हैं।
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