उदयपुर। कहते हैं यदि किसी के पास कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं होता और इसी को साबित कर दिखाया है लेकसिटी की एक मां ने। [@ 7वें वेतनमान का तो अता-पता नहीं, अभी तक तो 5वें और छठे वेतनमान की विसंगतियां ही दूर नहीं ]
शहर के भूपालपुरा क्षेत्र निवासी रीना बोर्दिया ने हाल ही 49 वर्ष की उम्र में सीए बनने का लक्ष्य पूरा किया है। वह पढ़ी सिर्फ इसलिए, क्योंकि बेटी को पढ़ाई का माहौल देना चाहती थी। मां-बेटी साथ पढ़ीं और अब दोनों सीए हैं। होम साइंस में एमएससी रीना ने वर्ष 2010 में सीए की पढ़ाई शुरू की। रीना बताती है कि बेटी राधा को सीए बनना था, लेकिन उसे घर में पढ़ाई में साथ देने वाला कोई नहीं था। बेटी का सपना पूरा करने के लिए मां भी साथ पढ़ी। मां-बेटी हर रोज 8-10 घंटे पढ़ती थीं। छह साल की मेहनत के बाद बेटी राधा ने पिछले वर्ष और रीना ने इस वर्ष सीए फाइनल परीक्षा पास कर ली। बकौल रीना शुरुआती दिनों में सीए का पाठ्यक्रम मुश्किल लगता था। कुछ बेटी ने बताया और कुछ खुद ने हिम्मत की। आखिर पढ़ाई में रुचि बढऩे लगी और मां-बेटी ने साथ में ही मुंबई में कोचिंग भी की। रीना ने तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान सीएस भी पास किया। रीना ने कहा कि बेहतर ऑफर आने पर वे जॉब करेंगी, नहीं तो विद्यार्थियों को सीए की पढ़ाई कराएंगी।
रीना कहती है कि ससुर की बीमारी के दौरान एक महीने तक आईसीयू के बाहर बैठकर पढ़ाई की थी। घर के कामकाज से तालमेल को लेकर सवाल पर रीना कहती हैं कि पढ़ाई के बीच के आराम के समय को वह घर के कामों में व्यतीत करती रही।
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