नई दिल्ली। विवादास्पद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के मामले में बिहार सरकार को एक
बार फिर फटकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब शहाबुद्दीन को लंबित
मामलों में जमानत मिली थी, तब सरकार ने उस फैसले को चुनौती क्यों नहीं दी
थी। अब मामले में गुरूवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट में यह क्यों नहीं बताया था कि
शहाबुद्दीन के मामले में निचली अदालत में सुनवाई नहीं चल रही है। कोर्ट ने
कहा कि अगर किसी के खिलाफ बहुत सारे मामले दर्ज हों, तो इसका मतलब यह नहीं
होता कि एक मामले में जमानत मिलने के बाद आप तब तक चुनौती नहीं दें, जब तक
आखिरी मामले में भी जमानत न मिल जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन को आखिरी मामले
में जमानत मिलने के बाद बिहार सरकार नींद से जागी है। कोर्ट ने सवाल किया,
यह विचित्र स्थिति किसने पैदा की, इसका जिम्मेदार कौन है, कोर्ट के
मुताबिक, बिहार सरकार इस मामले में गंभीर नहीं रही।
शहाबुद्दीन की ओर से कहा गया कि उसे केस में जवाब दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए। वह सारे सवालों का जवाब देंगे लेकिन फिलहाल वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी उपलब्ध नहीं हैं। मीडिया ने इस केस को बेवजह उछाला है। उन्हें 7 सितंबर को जमानत मिली और 10 सितंबर को वह बाहर आए। लेकिन याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में स्टे की मांग नहीं की और 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी।
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