नई दिल्ली। एक बडे फैसले में मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो
अधिकारियों को खराब प्रदर्शन और अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर
दिया। प्रधानमंत्री की अफसरों को सख्त हिदायत के बाद यह कदम उठाया गया है।
मोदी ने अधिकारियों से कहा था कि जो सही तरीके से काम नहीं करेगा या जिसका
सर्विस रिकॉर्ड सही नहीं होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ काडर के 1992 बैच के अफसर राजकुमार
देवांगन और 1998 बैच के अधिकारी एजीएमयूटी के मयंक शील चौहान का जबरन
रिटायर किया गया है। मयंक 1998 के UT काडर के आईपीएस हैं।
दोनों अधिकारियों को तीन महीने का वेतन देकर जबरन सेवा से हटा दिया गया है।
बता दें, मयंक उस दौरान चर्चा में आए थे जब असम में तैनाती के समय वह अचानक
गायब हो गए थे। इस मामले में काफी विवाद हुआ था। पहले उनकी अपहरण की खबर
आई लेकिन बाद में जानकारी मिली थी कि वह खुद गायब हुए थे और दिल्ली में
छिपे थे। इसके अलावा भी कई दूसरे विवादों में उनका नाम आया था। उनकी पत्नी
भी गलत प्रमाण पत्र के साथ एक एयरलाइंस में नौकरी करने के आरोप में फंसी
थी।
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