दौसा । बडौली गांव में निवर्तमान संत की समपत्ती को लेकर झिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही हैं। संत रत्नानन्द सरस्वती के देहावसान के बाद मंदिर व भुमि को लेकर अलग अलग लोग दावा ठोक रहे हैं। दो दिन पहले संत के शिष्य विवेकानन्द सरस्वति ने कुछ ग्रामीणों के साथ खुद को संत का उत्तराधिकारी बताते हुए सदर थाने में जानमाल की रक्षा के लिए गुहार लगाई थी, तो मंगलवार को दूसरे पक्ष ने सभी सम्पत्ति ट्रस्ट के नाम पर होने का दावा किया। पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंप फर्जी उत्तराधिकारी से ट्रस्ट को बचाने की मांग की। दरअसल ये विवाद स्थानीय समपत्ति को लेकर ही नहीं हैं पर बताया जा रहा हैं, कि इलाहबाद में संत की कई बीघा जमीन हैं दोंनों पक्षों की नजर उस बेस कीमती समपत्ती पर टिकी हुई हैं।
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