अजमेर । बहुचर्चित मेयर चुनाव विवाद में बुधवार को जिला न्यायायलय ने फैसला सुनाया। सुरेंद्र सिंह शेखावत की याचिका खारिज करते हुए मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के पक्ष में हुआ फैसला मेयर ने कहा सच्चाई की जीत बताया तो शेखावत जायेंगे उच्च न्यायालय ।
अजमेर के बहुचर्चित मेयर चुनाव प्रकरण में 26 नवम्बर को अंतिम बहस का दौर पूरा हो गया था । जिसके बाद आज न्यायाधीश जयप्रकाश शर्मा ने अपना फैसला सुनाते हुए सुरेंद्र सिंह शेखावत की याचिका को ख़ारिज कर दी और फैसला मेयर धर्मेंद्र गहलोत के पक्ष में गया । मेयर गहलोत की जीत का फैसला आने के बाद लोगो ने माला पहनाकर धर्मेन्द गहलोत को जीत की बधाई दी और मिठाईया खिलाई । जीत के बाद मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा सच्चाई की जीत हुई चुनाव के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं की गई इसपर आज कोर्ट ने भी मुहर लगाते हुए मेरे पक्ष में निर्णय दिया है । उन्होंने बताया कि सुरेन्द सिंह मुझसे शुरू से हे द्वेषता रखते है । राजनीतिक संयोग ही कहा जाएगा कि मेरी पार्टी के अंदर बार-बार मेरा मुकाबला सुरेन्द्र सिंह शेखावत से ही हुआ। जिसमे हमेशा मेरी ही जीत हुई है । मेयर चुनाव में भी जब मुझे और शेखावत को बराबर 30-30 मत मिले तो लॉटरी की पर्ची मेरी निकली। इसलिए आज मैं मेयर के पद पर हूं। पूर्व में नगर परिषद के उपसभापति के चुनाव में भी पार्टी के पार्षदों के बीच मत विभाजन हुआ तो मुझे और शेखावत को 19-19 मत मिले, लेकिन तब भी लॉटरी की पर्ची मेरे नाम खुली और में परिषद का उपसभापति बना। इसके बाद सभापति के चुनाव में शेखावत ने सुभाष खंडेलवाल को बागी उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया, लेकिन जीत मेरी हुई। पूर्व में राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में भी शेखावत मेरे प्रतिद्धंदी रहे। मैं विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहा तो शेखावत ने बगावत कर एसडब्ल्यूओ संगठन बना लिया।
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