नई दिल्ली। नेट न्यूट्रैलिटी के सपोर्ट में आए ट्राई के फैसले और इससे फ्री बेसिक्स स्कीम अटकने के बाद फेसबुक के एक बोर्ड डायरेक्टर का ट्वीट विवादों में आ गया। फेसबुक बोर्ड के सदस्य मार्क एंड्रीसन ने कहा कि था कि भारत में ब्रिटिश राज ही रहता तो अच्छा होता। हालांकि, विवाद बढा तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। वहीं, मार्क जुकरबर्ग ने भी एंड्रीसन के कमेंट पर अफसोस जताते हुए माफी मांगी है। मार्क इस बात से भडके हुए हैं कि लाख कोशिशों के बावजूद फ्री बेसिक्स भारत में काम नहीं कर पाया। फेसबुक के इस ऑफिसर को लगता है कि भारत नेट न्यूट्रैलिटी जैसे फिजूल के विचार का सपोर्ट कर रहा है। मार्क एंड्रीसन ने कहा कि इंटरनेट टैरिफ को लेकर भारत का फैसला सही नहीं है और ये देश ब्रिटिश राज के ही अंडर होता तो इसकी हालत ज्यादा बेहतर होती। उनके इस कॉमेन्ट पर टि्वटर से लेकर फेसबुक तक जमकर गुस्सा निकाला जाने लगा। लोगों ने उनकी सोच और दिमागी संतुलन तक पर सवाल उठाए। विवाद बढता देख उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। ट्वीट डिलीट किए जाने के बावजूद स्क्रीनशॉट अब भी री-ट्वीट व शेयर किए जा रहे हैं। उनसे पूरे देश से माफी मांगने को कहा जा रहा है। विवाद बढता देख मार्क एंड्रीसन ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में लिखा- मैं भारत ही नहीं, किसी भी देश में कॉलोनिअलिज्म का विरोधी हूं। एक अन्य ट्वीट में लिखा- अब वे भारत की इकॉनोमी और राजनीति पर कभी चर्चा नहीं करेंगे। लेकिन लोग नहीं रूके। उनके खिलाफ ट्वीट होते रहे।
वहीं, फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग ने देर रात अपनी वॉल पर पोस्ट कर एंड्रीसन के ट्वीट के लिए माफी मांगी। उन्होंने लिखा, मैं मार्क एंड्रीसन के भारत के बारे में दिए कमेंट्स का जवाब देना चाहता हूं। मुझे लगता है कि उनके कमेंट्स काफी निराशाजनक थे। वे फेसबुक की भावना को रिप्रेजेंट नहीं करते।"
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